यदि आपसे कोई पूछे की आपका फेवरेट फास्ट फूड कौन सा है तो 90 प्रतिशत लोगों का जवाब पानीपूरी ही होगा। लेकिन, देशभर में मशहूर इस पानीपुरी को लेकर कर्नाटक में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राज्य के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने पानीपुरी के नमूने एकत्र किए जिनमें कैंसर पैदा करने वाले रसायन पाए गए। जबकि 22 प्रतिशत नमूने खाद्य सुरक्षा मानकों में फेल हो गए हैं।
पानीपुरी में कृत्रिम रंग और कार्सिनोजेनिक एजेंट
बाजार में उपलब्ध पानीपुरी के कुल 260 नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से 41 नमूनों में कृत्रिम रंग और कैंसरकारी तत्व पाए गए, जबकि 18 नमूने मानव शरीर के लिए हानिकारक पाए गए। खाद्य एवं सुरक्षा आयुक्त श्रीनिवासन के. ने कहा, हमें पानीपुरी के बारे में कई शिकायतें मिलीं, जिसके बाद हमने नमूने एकत्र किए। राज्य भर की सड़कों और रेस्तरां में मिलने वाले पानीपुरी के इन सैंपलों की बाद में लैब में जांच की गई।
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कार्सिनोजन के कारण कैंसर की संभावना
नमूने में दो खतरनाक पदार्थ पाए गए। जिनमें से एक कार्सिनोजेनिक होता है, जिससे कैंसर होने की संभावना रहती है। जबकि दूसरा पदार्थ एक कृत्रिम रंग है, जिसे रोडामाइन-बी के नाम से भी जाना जाता है। यह मंचूरियन और कॉटन कैंडी में भी पाया जाता है। अब इसका इस्तेमाल पानीपुरी में भी होने लगा है.
कॉटन कैंडी में पाए जाने वाले इस रसायन की बिक्री पर प्रतिबंध
यह रसायन चमकीले नीले या सूर्यास्त पीले रंग का भी होता है। ये सभी रसायन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माने जाते हैं। इससे पहले कर्नाटक में कॉटन कैंडी में यह रसायन पाया गया था और इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
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