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लेबनान में पेजर धमाके: 18 की मौत, 3000 से ज्यादा घायल; इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद पर हमले का आरोप

लेबनान और सीरिया में मंगलवार को हुए सिलसिलेवार पेजर धमाकों से दहशत फैल गई। इन ब्लास्ट्स में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। घायलों में लेबनान स्थित ईरानी राजदूत मोजतबा अमानी भी शामिल हैं, जिनकी एक आंख गंभीर रूप से घायल हो गई है। इस हमले के पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ होने का दावा किया जा रहा है, हालांकि इजरायल ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

क्या है पेजर धमाकों का पूरा मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिजबुल्लाह के सदस्यों को हाल ही में दिए गए पेजर्स में ब्लास्ट हुआ। ये पेजर्स हिजबुल्लाह ने अपने लड़ाकों को मोबाइल फोन की जगह इस्तेमाल करने के लिए दिए थे, ताकि इजरायली हमलों से बचा जा सके। लेकिन इन पेजर्स में लगे विस्फोटकों ने अचानक धमाका कर दिया, जिससे कई लोगों की जान चली गई।

टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, इन धमाकों में 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें हिजबुल्लाह के 8 सदस्य और एक मासूम बच्ची शामिल है। इसके अलावा, पेजर ब्लास्ट से घायल 3000 से अधिक लोगों में लेबनान स्थित ईरान के राजदूत मोजतबा अमानी भी हैं, जिनकी एक आंख को गहरी चोट पहुंची है।

मोसाद पर लगाए जा रहे आरोप
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इन पेजर्स में विस्फोटक लगाए थे। रिपोर्ट के अनुसार, करीब 5000 पेजर्स में विस्फोटक फिट किए गए थे, जो एक कोड की मदद से ऑपरेट किए गए। इन पेजर्स को इस साल की शुरुआत में लेबनान भेजा गया था।

रॉयटर्स के सूत्रों के अनुसार, इन पेजर्स में छिपाए गए विस्फोटक का पता लगाना लगभग असंभव था, यहां तक कि किसी डिवाइस या स्कैनर से भी इनका पता नहीं लगाया जा सका। मंगलवार को इन पेजर्स पर एक संदेश भेजा गया, जिसने विस्फोटकों को एक्टिवेट कर दिया, और परिणामस्वरूप सैकड़ों पेजर्स फट गए।

इजरायल का डर और हमले का कारण
अमेरिकी वेबसाइट एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल को यह डर था कि हिजबुल्लाह को पेजर्स में लगे विस्फोटकों के बारे में पता चल सकता है। ऐसे में इजरायल के पास दो ही विकल्प थे—या तो इन पेजर्स का इस्तेमाल कर हमला कर दें या फिर योजना को छोड़ दें। इजरायल ने पहला विकल्प चुना, जिसके चलते इस घटना को अंजाम दिया गया।

हिजबुल्लाह का बयान: बदला लिया जाएगा
धमाकों के बाद, हिजबुल्लाह ने इस घटना के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सही समय आने पर इसका बदला लिया जाएगा। हिजबुल्लाह के एक सांसद अली अम्मार ने कहा, “यह लेबनान के खिलाफ इजरायल की नई लड़ाई है। हमारे लोगों की मौत का बदला सही वक्त पर और सही तरीके से लिया जाएगा।” पेजर ब्लास्ट में अम्मार के बेटे मोहम्मद अम्मार की भी मौत हो गई है।

हिजबुल्लाह के सदस्यों को दी गई थी पेजर्स की सलाह
हिजबुल्लाह ने गाजा पट्टी में जारी संघर्ष के चलते अपने लड़ाकों को मोबाइल फोन के बजाय पेजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। जुलाई में हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह ने अपने सदस्यों को मोबाइल और सीसीटीवी जैसी डिवाइसेज के इस्तेमाल से बचने की हिदायत दी थी, क्योंकि उन्हें डर था कि इजरायली एजेंसी इन डिवाइसेज को हैक कर सकती है।

घटनास्थल की स्थिति और घायलों का इलाज
पेजर ब्लास्ट के बाद घायलों की संख्या इतनी बढ़ गई कि लेबनान के अस्पतालों में बिस्तरों की कमी हो गई। कई घायलों का इलाज अस्पताल के फर्श पर ही किया जा रहा है। चश्मदीदों ने बताया कि ब्लास्ट से पहले लोगों की पैंट की जेबों से धुआं निकलता दिखाई दे रहा था, और कुछ ही क्षणों में जोरदार धमाके हो गए।

इस हमले में 9 साल की एक बच्ची, फातिमा अबदुल्लाह, की भी मौत हो गई, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसके अलावा, एक स्कूटी पर बैठे युवक के पेजर में हुए ब्लास्ट से वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और इजरायल की चुप्पी
लेबनान के संयुक्त राष्ट्र राजनयिक हादी हचेम ने इन धमाकों की कड़ी निंदा की और इसे “युद्ध अपराध” करार दिया। उन्होंने कहा कि इस हमले से लेबनान और इजरायल के बीच तनाव और बढ़ेगा। वहीं, इजरायल ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

इस बीच, जर्मनी की लुफ्थांसा और फ्रांस की एयर फ्रांस जैसी प्रमुख एयरलाइनों ने सुरक्षा कारणों के चलते इजरायल, ईरान, और लेबनान के लिए अपनी उड़ानों को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया है।

पेजर निर्माता कंपनी का बयान
ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो, जिसने ये पेजर्स बनाए थे, ने कहा है कि धमाके वाले पेजर्स उनके द्वारा बनाए गए नहीं थे। कंपनी के फाउंडर हसू चिंग-कुआंग के अनुसार, उनके ब्रांड के तहत चल रही एक यूरोपीय कंपनी ने इन डिवाइसेज का निर्माण किया था। हालांकि, उन्होंने उस कंपनी का नाम उजागर नहीं किया। हिजबुल्लाह के सूत्रों के अनुसार, संगठन ने करीब 5000 पेजर्स खरीदे थे, जिनमें से कुछ ईरान और सीरिया भी भेजे गए थे।

सीरिया में भी हुए पेजर ब्लास्ट
सीरिया में भी इसी तरह के कई पेजर धमाकों की खबरें सामने आई हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, सीरिया में इन धमाकों से 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं।

लेबनान और सीरिया में हुए इन पेजर धमाकों ने एक बार फिर इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव को हवा दी है। इस घटना ने मध्य पूर्व में पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और भड़का दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इस हमले के क्या परिणाम निकलते हैं और क्या वाकई हिजबुल्लाह इस हमले का बदला लेने के अपने वादे को पूरा करता है या नहीं।