ऑपरेशन ब्रह्म भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा चलाया गया एक गुप्त अभियान था, जिसका उद्देश्य उग्रवादियों और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करना था। यह अभियान विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में संचालित किया गया, जहां कई उग्रवादी गुट सीमा पार से म्यांमार में शरण लेते थे। यह ऑपरेशन भारतीय सेना, खुफिया एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन के तालमेल का उत्कृष्ट उदाहरण था।
ऑपरेशन ब्रह्म का उद्देश्य और रणनीति
इस ऑपरेशन का प्रमुख उद्देश्य आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट करना और सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता बहाल करना था। इसके तहत भारतीय सुरक्षा बलों ने आधुनिक तकनीक और खुफिया जानकारी के आधार पर उग्रवादी समूहों पर सटीक हमले किए। इस अभियान को अत्यंत गोपनीय रखा गया, ताकि दुश्मन को इसकी भनक न लगे और किसी भी प्रकार की राजनयिक जटिलता न उत्पन्न हो।
म्यांमार का रणनीतिक महत्व
भारत और म्यांमार के बीच 1600 किलोमीटर लंबी सीमा साझा की जाती है। यह क्षेत्र न केवल भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि सुरक्षा और आर्थिक दृष्टिकोण से भी दोनों देशों के लिए अत्यंत अहम है। म्यांमार, दक्षिण पूर्व एशिया में भारत का द्वार माना जाता है और ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत भारत के लिए इसकी प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है।
भारत-म्यांमार संबंध: सहयोग और चुनौतियाँ
भारत और म्यांमार के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं। हाल के वर्षों में दोनों देशों ने आपसी सुरक्षा, व्यापार, और बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग बढ़ाया है। म्यांमार में कई उग्रवादी गुटों की शरणस्थली होने के कारण भारत को अपनी सुरक्षा नीतियों में म्यांमार की सरकार का सहयोग आवश्यक रूप से चाहिए था। इस संबंध में, भारत और म्यांमार की सेनाओं ने कई बार संयुक्त अभियानों में सहयोग किया, जिससे सीमा पार आतंकवाद को नियंत्रित करने में सफलता मिली।
म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता और भारत की स्थिति
हाल के वर्षों में म्यांमार में सैन्य शासन और लोकतंत्र समर्थक आंदोलनों के बीच संघर्ष ने भारत के लिए कई कूटनीतिक चुनौतियाँ प्रस्तुत की हैं। भारत को अपनी सुरक्षा चिंताओं और कूटनीतिक संबंधों के बीच संतुलन बनाए रखना पड़ा है। हालांकि, भारत ने म्यांमार में स्थिरता और विकास को प्राथमिकता दी है और विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, जैसे कि कालादान मल्टीमॉडल प्रोजेक्ट और त्रिपक्षीय हाईवे प्रोजेक्ट में निवेश किया है ऑपरेशन ब्रह्म ने भारत की सुरक्षा रणनीति में एक नया अध्याय जोड़ा। इस अभियान से यह स्पष्ट हुआ कि भारत आतंकवाद और उग्रवाद को जड़ से खत्म करने के लिए निर्णायक कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। इसके साथ ही, भारत और म्यांमार के बीच सुरक्षा सहयोग भी मजबूत हुआ। इस अभियान से भारत ने म्यांमार को यह संकेत दिया कि दोनों देशों की सुरक्षा चिंताएँ आपस में जुड़ी हुई हैं और एक-दूसरे का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
ऑपरेशन ब्रह्म न केवल भारत की सुरक्षा नीति की सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह भारत-म्यांमार संबंधों को भी एक नई दिशा प्रदान करता है। यह अभियान इस बात का प्रमाण है कि भारत अब अपनी क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर अधिक सक्रिय और आक्रामक दृष्टिकोण अपनाने को तैयार है। भविष्य में, भारत और म्यांमार के बीच सहयोग और गहरा होने की संभावना है, जिससे दोनों देशों को आर्थिक और सुरक्षा संबंधी लाभ प्राप्त होंगे।

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