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Saturday, April 19   10:44:43

फिर एक बार अमेरिका में भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या , डकैती के प्रयास के दौरान मौत की आशंका

अमेरिका के विस्कॉन्सिन राज्य में बुधवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब तेलंगाना के रहने वाले 27 वर्षीय भारतीय छात्र प्रवीण कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। प्रवीण, जो बीटेक के बाद 2023 में अमेरिका पहुंचे थे, मिल्वौकी शहर में मास्टर ऑफ साइंस (MS) की पढ़ाई कर रहे थे। उनका शव गोलियों से छलनी पाया गया, जिससे इस घटना की गंभीरता का अनुमान लगाया जा सकता है।

प्रवीण के कुछ दोस्तों ने बताया कि उनकी मौत के कारण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह आशंका जताई जा रही है कि उनकी हत्या डकैती के प्रयास के दौरान हुई। अधिकारियों ने बुधवार सुबह (भारतीय समयानुसार) प्रवीण के परिवार को इस दुखद घटना के बारे में सूचना दी। इस घटना ने न केवल प्रवीण के परिवार को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि भारतीय समुदाय में भी गहरा दुख और आक्रोश फैल गया है।

यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि एक बड़ी सामाजिक समस्या को भी उजागर करती है। विदेशों में भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षा हमेशा एक चिंता का विषय रही है। ऐसे घटनाएं यह दर्शाती हैं कि विदेश में रहने वाले भारतीय छात्रों को किस प्रकार के खतरों का सामना करना पड़ता है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि विदेशी विश्वविद्यालय और स्थानीय प्रशासन इन मुद्दों पर ध्यान दें और भारतीय छात्रों के सुरक्षा उपायों को सख्त बनाएं।

इस तरह की घटनाएं न केवल पीड़ित परिवार के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए बहुत कठिन होती हैं। हमें उम्मीद है कि प्रवीण कुमार के परिवार को न्याय मिलेगा और इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

ग्रीनलैंड को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का विवाद, ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री का कड़ा विरोध

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूटे बोरुप एगेडे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान का कड़ा विरोध किया है, जिसमें उन्होंने ग्रीनलैंड को अमेरिकी कंट्रोल में लाने की बात कही थी। एगेडे ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “ग्रीनलैंड हमारा है, और इसे किसी से खरीदा नहीं जा सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि ग्रीनलैंड के लोग न तो अमेरिकी हैं और न ही डेनिश, वे ग्रीनलैंडिक हैं और ग्रीनलैंड का भविष्य उनके लोग तय करेंगे।

इस विवाद ने ग्रीनलैंड के स्वायत्तता और उसकी राष्ट्रीय पहचान को लेकर एक नया मोड़ ले लिया है। ट्रम्प का बयान ग्रीनलैंड के लोगों और डेनमार्क सरकार के लिए चौंकाने वाला था। हालांकि, ट्रम्प के बयान को महज एक राजनीतिक बयान माना जा सकता है, लेकिन यह स्पष्ट करता है कि ग्रीनलैंड के मामले में अमेरिका की नजरें हैं।

लंदन में खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की कार पर हमला

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को लंदन में खालिस्तान समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ा। खालिस्तानी समर्थकों ने उस स्थान के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जहां डॉ. जयशंकर एक चर्चा में भाग ले रहे थे। जब वे अपनी कार से जा रहे थे, तो एक व्यक्ति ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फाड़ने जैसी शर्मनाक हरकत की। इस घटना ने भारतीय समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा किया है, और सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो गया है।

यह घटना एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि इसे भारतीय सम्मान और प्रतिष्ठा पर सीधा हमला माना जा सकता है। ऐसे बर्ताव को सख्ती से निपटने की जरूरत है, ताकि भविष्य में कोई भी भारतीय नागरिक को इस प्रकार के विरोध का सामना न करना पड़े।

ब्रिटेन में एस जयशंकर की मुलाकात, भारत-ब्रिटेन संबंधों को नया मोड़

भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी से मुलाकात की और दोनों देशों के संबंधों पर महत्वपूर्ण चर्चा की। इस मुलाकात में यूक्रेन, बांग्लादेश, पश्चिम एशिया और राष्ट्रमंडल के मामलों पर बात की गई। दोनों नेताओं ने आपसी रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए रूपरेखा पर सहमति जताई।

पाकिस्तान का ट्रम्प को धन्यवाद: अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में नया मोड़

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को धन्यवाद दिया, जब ट्रम्प ने पाकिस्तान के सहयोग की सराहना की। ट्रम्प ने 2021 में अफगानिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तान की मदद का जिक्र किया, खासकर काबुल एयरपोर्ट विस्फोट में शामिल आतंकवादी की गिरफ्तारी में पाकिस्तान के योगदान को स्वीकार किया।

रूस और अमेरिका के बीच ईरान परमाणु मुद्दे पर वार्ता की संभावना

रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत करने की इच्छा जताई है। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि इस मुद्दे का समाधान डिप्लोमैटिक तरीकों से किया जाना चाहिए, और वे इस पर अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत करने को तैयार हैं। यह संकेत है कि रूस और अमेरिका के बीच ईरान जैसे जटिल मुद्दों पर सहयोग बढ़ सकता है।

यह घटनाएँ वैश्विक राजनीति, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भारत की विदेश नीति पर महत्वपूर्ण असर डाल सकती हैं। हमें उम्मीद है कि इन मुद्दों पर पूरी दुनिया में विचार-विमर्श और उचित कार्रवाई की जाएगी।