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CBI जांच की मांग पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा- ऐसा मामला बताएं, जहां बिना FIR के जांच CBI को सौंपी गई हो

31 Mar. Mumbai: महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ वसूली के आरोपों की जांच के लिए पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस दौरान परमबीर सिंह के वकील विक्रम नानकानी ने CBI को जांच सौंपने की मांग की तो चीफ जस्टिस दीपंकर दत्ता ने कहा, ‘आप चाहते हैं कि बिना सहमति के हम इसकी जांच का सीधे आदेश दे दें? वह भी बिना किसी FIR के।’ उन्होंने पूछा कि हमें एक ऐसा मामला बताएं जिसमें FIR नहीं हुई है और वह केस CBI को ट्रांसफर कर दिया गया हो।

क्या हुआ कोर्ट रूम में

चीफ जस्टिस ने कहा: हम इस मामले में दो चीजों को देख रहे हैं, क्या यह PIL मेन्टेनएबल है और क्या अदालत बिना FIR के कोई ऑर्डर दे सकती है। अगर आप हमसे कोई अंतरिम राहत चाहते हैं तो आपको इन बिंदुओं पर हमें संतुष्ट करना होगा।

परमबीर के वकील: नानकानी ने सुनवाई के दौरान पूर्व कमिश्नर इंटेलीजेंस रश्मि शुक्ला द्वारा महानिदेशक पुलिस को सौंपी गई रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्होंने DG द्वारा एडिशनल होम सेक्रेटरी को लिखे पत्र को भी अदालत में पढ़ा। नानकानी ने आगे कहा कि यह आरोप मुंबई पुलिस के सबसे बड़े अधिकारी द्वारा लगाए गए हैं। निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के लिए मामला CBI को सौंपा ही जाना चाहिए।

एडवोकेट जनरल: महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि ऐसी अर्जियां सुनवाई लायक नहीं होतीं। मैं इस संबंध में आपको कुछ जजमेंट दिखाऊंगा। हमें इस संबंध में कानून से चलना चाहिए। मीडिया में जिन आरोपों की चर्चा है हम उन्हें साफ करना चाहते हैं।

परमबीर सिंह की अर्जी में क्या हैं मांग

परमबीर सिंह का कहना है कि गृह मंत्री देशमुख ने निलंबित API सचिन वझे को 100 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट दिया था। परमबीर सिंह का दावा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी ये बात बताई थी, लेकिन कुछ दिन बाद ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया। परमबीर ने अपने ट्रांसफर के आदेश को भी चुनौती दी है। उनका कहना है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अफसर रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट की जांच की जानी चाहिए।

परमबीर का दावा है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख सचिन वझे के साथ अपने बंगले पर लगातार बैठक कर रहे थे। इसी दौरान 100 करोड़ कलेक्शन का टारगेट दिया गया था। परमबीर ने देशमुख के बंगले के CCTV फुटेज की जांच करने की मांग भी की है।

परमबीर सिंह की अर्जी के अहम बिंदु

गृहमंत्री अनिल देशमुख के घर के बाहर लगे CCTV फुटेज को जब्त कर उसकी जांच करवाने की मांग।

परमबीर ने कहा है कि अगर उनके आरोपों की जांच जल्दी नहीं की गई तो हो सकता है कि देशमुख CCTV फुटेज डिलीट कर दें।

अनिल देशमुख ने फरवरी में अपने आवास पर कई मीटिंग्स कीं। सचिन वझे भी इसमें शामिल हुए थे। उस दौरान देशमुख ने वझे को होटल, बार और रेस्टोरेंट से हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करने को कहा था।

24-25 अगस्त 2020 को राज्य की इंटेलीजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने DGP को देशमुख की ओर से ट्रांसफर-पोस्टिंग में किए जा रहे भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी। DGP ने यह जानकारी राज्य के गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सीताराम कुंटे को दी थी। ये जानकारियां टेलीफोन पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर जुटाई गई थीं। इस पर देशमुख के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उल्टे रश्मि शुक्ला का ही तबादला कर दिया गया।

इसलिए नाराज हैं परमबीर सिंह

महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटाकर होमगार्ड का DG बनाया है। उन पर सचिन वझे को प्रोटेक्शन देने का आरोप है। कारोबारी मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो में विस्फोटक मिलने के मामले में वझे को गिरफ्तार किया गया है।

वहीं महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार देर शाम इस मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल की अध्यक्षता में हाई लेवल कमेटी बनाई। यह कमेटी अगले 6 महीने में राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।