Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत का जश्न मनाने का दिन है। यह वह दिन था जब भारतीय सेना ने कारगिल, लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र पर दोबारा कब्जा कर लिया था, जिस पर पहले पाकिस्तानी सेना ने कब्जा कर लिया था। यह दिन एक ऐसा दिन है जब सभी भारतीय उन भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर देश की संप्रभुता की रक्षा की। उनके बलिदान को देश हमेशा याद करता है।
14 जुलाई 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ऑपरेशन विजय की सफलता की घोषणा की थी। कारगिल में नियंत्रण रेखा (एलसी) के भारतीय पक्ष पर पाकिस्तानी सेना द्वारा समर्थित सशस्त्र आतंकवादियों की अकारण घुसपैठ के कारण ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू हुआ था।
कारगिल विजय दिवस का महत्व: भारत इस दिन को बहुत महत्व देता है क्योंकि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के 527 सैनिक शहीद हो गए थे। यह दिन उनके बलिदान की याद में मनाया जाता है। इसके साथ ही यह दिन सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने और उन्हें प्रेरित करने का दिन है।
आज कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ के सम्मान में, भारतीय वायु सेना 12 जुलाई से आज तक वायु सेना स्टेशन सरसावा में ‘कारगिल विजय दिवस रजत जयंती’ मना रही है।
कारगिल विजय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कारगिल युद्ध स्मारक पर वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद पीएम मोदी वॉर मेमोरियल पहुंचे और जवानों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को याद करते हुए पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा।
पीएम मोदी ने कहा, ”पाकिस्तान ने अतीत में जो भी गलत काम किए हैं, उसका हमेशा करारा जवाब मिला है, लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है. वह आतंकवाद और छद्म युद्ध के सहारे खुद को प्रासंगिक बनाने की कोशिश कर रहा है।
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पाकिस्तान के नापाक इरादे कभी कामयाब नहीं होंगे
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज मैं उस जगह से बोल रहा हूं जहां आतंक के आका सीधे मेरी आवाज सुन सकते हैं, मैं आतंकवाद के इन सरपरस्तों से कहना चाहता हूं कि उनके नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे। हमारे जवान पूरी ताकत से आतंकवाद को कुचलेंगे और दुश्मन को करारा जवाब देंगे।’
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “सच्चाई ये है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश का सामर्थ्यवान युवा भी मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएगा… मैं हैरान हूं कि कुछ लोगों की समझ को क्या हुआ है, उनकी सोच को क्या हो चुका है। ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए ये योजना लेकर आई है। मुझे ऐसे लोगों की सोच से शर्म आती है लेकिन मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि आज मोदी सरकार के शासनकाल में जो भर्ती होगा क्या उसे आज ही पेंशन देनी होगी? उसे पेंशन देने की नौबत 30 साल में आएगी और तब तो मोदी 105 साल का हो चुका होगा… क्या तर्क दे रहे हैं? मेरे लिए ‘दल’ नहीं ‘देश’ सर्वोपरि है… हम राजनीति के लिए नहीं राष्ट्रनीति के लिए काम करते हैं…”
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