CATEGORIES

March 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31  
Monday, March 31   6:30:40
Mahatma Gandhi and Lal Bahadur Shastri

2 अक्टूबर: दो महान नेताओं की जयंती, भारत के उन आदर्शों को याद करने का अवसर

2 अक्टूबर का दिन भारतीय इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन दो महान नेताओं का जन्म हुआ – महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री। यह दिन सिर्फ छुट्टी का नहीं, बल्कि भारत के उन दो आदर्शों को याद करने का अवसर है जिन्होंने अपनी सादगी, सत्य, और अहिंसा के साथ देश को स्वतंत्रता और विकास की दिशा में प्रेरित किया।

महात्मा गांधी: सत्य और अहिंसा के पुजारी

महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से ‘बापू’ कहा जाता है, का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अतुलनीय है। गांधीजी ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन और नमक सत्याग्रह जैसे कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया।

गांधीजी का संदेश था कि परिवर्तन हिंसा से नहीं बल्कि आत्मशुद्धि और अहिंसा के मार्ग से संभव है। उन्होंने कहा था, “आपको वह परिवर्तन बनना चाहिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।” उन्होंने अपने जीवन के हर पहलू में सत्य, अहिंसा और सादगी को प्राथमिकता दी। वे मानते थे कि सही जीवनशैली और नैतिकता से ही समाज का निर्माण हो सकता है।

लाल बहादुर शास्त्री: सादगी और दृढ़ता का प्रतीक

लाल बहादुर शास्त्री, भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, का जन्म भी 2 अक्टूबर को ही हुआ था, लेकिन 1904 में। वे अपने जीवनभर सादगी, ईमानदारी और सेवा के आदर्शों का पालन करते रहे। शास्त्रीजी ने 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान देश को ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया, जो आज भी भारतीय कृषि और सुरक्षा की धुरी है।

शास्त्रीजी की सबसे बड़ी खासियत उनकी सादगी और दृढ़ निश्चय थी। उन्होंने हमेशा देश की सुरक्षा और किसानों के अधिकारों को प्राथमिकता दी। उनके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनका असर आज भी महसूस किया जाता है। उनकी विनम्रता और कर्तव्यनिष्ठा आज के नेताओं के लिए एक आदर्श है।

2 अक्टूबर: अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस

महात्मा गांधी के अहिंसा के संदेश को सम्मानित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ के रूप में घोषित किया। इस दिन को पूरी दुनिया में अहिंसा और शांति के सिद्धांतों को फैलाने के लिए मनाया जाता है। गांधीजी के विचार आज भी वैश्विक समस्याओं जैसे हिंसा, असमानता, और जातिगत भेदभाव को सुलझाने के लिए प्रासंगिक हैं।

गांधीजी और शास्त्रीजी की विरासत

महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री दोनों ने भारतीय स्वतंत्रता और राष्ट्र निर्माण में अपनी-अपनी भूमिका निभाई। जहां गांधीजी ने हमें आजादी दिलाई, वहीं शास्त्रीजी ने आजाद भारत को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी विचारधाराएं आज भी प्रासंगिक हैं और उनके आदर्श हमें एक बेहतर समाज और देश की दिशा में प्रेरित करते हैं।

2 अक्टूबर हमें यह याद दिलाता है कि सादगी, सत्य, और अहिंसा से ही दुनिया को बदला जा सकता है। यह दिन इन महान व्यक्तियों के योगदान को याद करने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का दिन है।

महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री ने अपने जीवन से हमें यह सिखाया कि सच्चे नेतृत्व के लिए सादगी, ईमानदारी और धैर्य की जरूरत होती है। 2 अक्टूबर का दिन हमें इन महान नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके आदर्शों पर चलने का अवसर प्रदान करता है।