देश के पांच राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। जहां मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद I.N.D.I.A. में भी असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है कि अब इंडिया गठबंधन में क्या होगा। विपक्ष का इंडिया अलायंस अपनी पहली ही चुनावी परीक्षा में हार गया। अब इस हार के लिए इंडिया के सहयोगी दल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इतना ही नहीं अब इस हार की वजह से इंडिया गठबंधन में भी दरारे नजर आ रही हैं।
इन चुनावों के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 6 दिसंबर को दिल्ली में विपक्षी गठबंधन की बैठक बुलाई है। इस बैठक में इन पांच राज्यों में चुनाव के साथ 2024 में होने वाले चुनावों को लेकर चर्चाएं की जाएगीं। लेकिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बैठक से दूरी बना ली है। ऐसे में ये बड़े नेताओं की नाराजगी विपक्षी एकता के लिए खतरा बन सकती है।
बंगाल की सीएम बैनर्जी ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा कि मुझे इंडिया गठबंधन की बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। किसी ने मुझे इस बैठक के बारे में नहीं बताया और ना ही इस संबंध में मुझे कोई फोन कर सूचना दी गई। उत्तरी बंगाल में मेरा 6 से 7 दिनों का कार्यक्रम है। मैने सारी योजनाएं बना ली है। यदि अब वे मुझे बैठक के लिए बुलाते हैं तो मैं अपनी योजनाएं कैसे बदल सकती हूं।
वहीं बिहार सीएम भी मीटिंग के लिए दिल्ली नहीं जाएंगे। सूत्रों के अनुसार उनके स्थान पर जनता दल यूनाइटेड प्रमुख ललन सिंह और जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा शिरकत कर सकते हैं।
इसके साथ ही राजनीतिक गलियारों में ऐसी खबरे हैं कि अखिलेश यादव भी इस बैठक में शामिल नहीं होने वाले हैं। हालांकि उनके स्थान पर सपा से रामगोपाल यादव शामिल होंगे। दरअसल मध्यप्रदेश में इंडिया गठबंधन के बाद भी अलग से चुनाव लड़ने को लेकर अखिलेश यादव नाराज हैं। एमपी चुनाव के दौरान अखिलेश ने लगभग 70 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। लेकिन, कमलनाथ ने सपा से गठबंधन करने से इनकार कर दिया था। इस पर अखिलेश ने नाराजगी भी जताई थी और कहा था कि लोकसभा चुनाव में साथ रहना है या नहीं, वह इस पर विचार करेंगे। आपको बता दें कि एमपी में सपा ने कांग्रेस को कई सीटों पर नुकसान पहुंचाया है।
कांग्रेस ने इन पांच राज्यों में चुनावों पर फोकस करते हुए इंडिया गठबंधन को दरकिनार कर दिया था। लेकिन, चुनाव खत्म होने के बाद एक बार फिर कांग्रेस इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर 2024 के चुनावों की रणनीति तैयार करना चाहती है। लेकिन, इन तीनों बड़े नेताओं की नाराजगी साफ जाहिर कर रही है कि इंडिया में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। तीन राज्यों के चुनावों के परिणाम ने इंडिया गठबंधन के विपक्षी नेताओं में एक भय पैदा कर दिया है। भय इस बात का है कि जब विधानसभा चुनावों में मोदी लहर का ये हाल है तो अब जीतने के बाद 2024 में लोक सभा चुनावों में क्या होगा ये कल्पना करने वाली बात है।
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