हालही में संजय निरुपम ने कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद कांग्रेस को एक ज़बरदस्त झटका लगा है। साथ ही इस्तीफा देने के बाद संजय निरुपम ने कांग्रेस पार्टी और गाँधी परिवार पर ज़बरदस्त निशाना साधा है।
संजय निरुपम ने रात 10 बजकर 40 मिनट पर मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा भेजा था। एक ओर कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने पार्टी विरोधी बयानबाजी करने पर संजय निरुपम को 6 साल के लिए बाहर कर दिया है। जबकि निरुपम ने कहा की उन्होंने खुद पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
कांग्रेस पार्टी से अपने निष्कासन पर संजय निरुपम ने कहा, “मैंने कल एक घोषणा की और लगभग 10:40 बजे मल्लिकार्जुन खरगे जी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बिखरी हुई पार्टी है और पार्टी के नेताओं ने भी कहा है कि इसकी विचारधारा दिशाहीन है।”
उन्होनें आगे कहा, “पहले कांग्रेस पार्टी में एक पावर सेंटर हुआ करता था। लेकिन इस समय कांग्रेस पार्टी में पांच पावर सेंटर है और पांचों की अपनी लॉबी है जो आपस में टकराती रहती है। इन पांचों सेंटर में सबसे पहले सोनिया गांधी हैं, दूसरे सेंटर में राहुल गांधी, तीसरे में प्रियंका गांधी, चौथे में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और आखिरी में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल जी हैं। यह सब अपने प्रकार से राजनीति कर रहे हैं।”
आगे बात करते हुए उन्होंने यह भी बताया कि वेणुगोपाल का भी अपना एक पावर सेंटर बन गया है। वहां वह अपने तरीके से राजनीति करते हैं। खड़गे के जो करीबि हैं उनके पास कोई अनुभव नहीं है। वे बस बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। और अब तो वह गलत बातें भी बोलते हैं, गलत भाषा का इस्तेमाल भी करते हैं।
वेणुगोपाल क्या बोलते हैं, किसी को समझ में नहीं आता है। कांग्रेस में लॉबियों के बीच टकराव चल रहा है। कांग्रेस में नेताओं की परेशानी बढ़ती जा रही है। और आखिर कार निरुपम का धैर्य टूटा। उन्होनें यह भी कहा कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में निराशा बढ़ती जा रही है।
बता दें कि पहले मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट पर संजय निरुपम का नाम दिया गया था। लेकिन हीर भेदभाव करके और अनुचित तरीके से उद्धव गुट ने मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार घोषित किया है। ED ने COVID खिचड़ी घोटाले के संबंध में अमोल कीर्तिकर को समन जारी किया है। इसलिए संजय निरुपम उनकी सीट छिन जाने की वजह से नाराज़ थे। और तभी से वह कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बयानबाज़ी किए जा रहे थे।

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