गुजरात सरकार ने नागरिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए एक अनूठी पहल की है। ‘सीएम ऑन फोन’ सेवा, 108 एंबुलेंस सेवा की तर्ज पर शुरू की जा रही है। जिस प्रकार मेडिकल इमरजेंसी में एंबुलेंस त्वरित सहायता के लिए पहुंचती है, उसी प्रकार अब नागरिक अपनी शिकायतें और समस्याएं सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा सकेंगे।
शासन में क्रांति की ओर कदम
यह अभिनव सेवा सरकार और जनता के बीच की दूरी को पाटने का काम करेगी, जिससे शिकायतों का तुरंत निपटारा संभव हो सकेगा। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित यह हेल्पलाइन नागरिकों को सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही का अनुभव कराएगी।
अगर किसी सरकारी सेवा में देरी हो रही है या भ्रष्टाचार जैसी समस्या सामने आती है, तो अब नागरिक एक कॉल के जरिए अपनी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचा सकते हैं। यह पहल प्रशासन को अधिक जवाबदेह और संवेदनशील बनाने में मददगार साबित होगी।
सेवा कैसे करेगी काम?
- विशेष हेल्पलाइन: नागरिकों के लिए एक टोल-फ्री नंबर उपलब्ध होगा।
- रियल-टाइम ट्रैकिंग: शिकायतें संबंधित विभाग को भेजी जाएंगी और उनकी प्रगति पर निगरानी रखी जाएगी।
- फीडबैक मैकेनिज्म: शिकायतकर्ता को समय-समय पर समाधान की जानकारी दी जाएगी।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: तय समय में समाधान न मिलने पर शिकायतों को उच्च स्तर पर एस्केलेट किया जाएगा।
सिटिजन चार्टर: समयबद्ध सेवा का वादा
गुजरात सरकार एक सिटिजन चार्टर भी लागू कर रही है, जिसमें सरकारी सेवाओं के लिए एक निर्धारित समयसीमा तय की जाएगी। अगर सेवा समय पर नहीं मिलती है, तो नागरिक ‘सीएम ऑन फोन’ सेवा के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इस पहल से सरकार की कार्यप्रणाली में गति आएगी और जनता को त्वरित न्याय मिलेगा।
नागरिक सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक कदम
‘सीएम ऑन फोन’ सेवा केवल एक तकनीकी सुधार नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक सशक्तिकरण का प्रतीक है। इससे सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ेगी और नागरिकों को उनकी समस्याओं का समाधान अधिक तेजी से मिलेगा।
हालांकि, इस योजना की सफलता इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर निर्भर करेगी। शिकायतों की त्वरित जांच, पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति और सुदृढ़ फीडबैक प्रणाली इसकी सफलता की कुंजी होगी। साथ ही, इस सेवा के बारे में जनता को जागरूक करना भी आवश्यक होगा।
भविष्य की दिशा में एक मिसाल
गुजरात की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है। यह दिखाता है कि सरकार जब नागरिकों की सुनती है, तो प्रशासनिक सुधार स्वाभाविक रूप से होते हैं।
‘सीएम ऑन फोन’ सेवा एक हेल्पलाइन नहीं, बल्कि जनता की आवाज़ को सशक्त करने का माध्यम है। अब जब भी कोई समस्या हो, बस फोन उठाइए और समाधान की राह पर कदम बढ़ाइए — क्योंकि गुजरात में मुख्यमंत्री अब केवल एक कॉल दूर हैं।

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