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Tuesday, January 21   7:29:14
Naseeruddin and Ratna Pathak Shah

इस नाटक के सेट पर मिली थी नसीरुद्दीन और रत्ना पाठक शाह की नजरें, फिर हुआ ये

भारतीय फिल्म और थिएटर जगत में, नसीरुद्दीन शाह और रत्ना पाठक शाह की प्रेम कहानी को सबके दिल को छू लेने वाली कहानियों में से एक माना जाता है। उनकी जिंदगी का सफर प्यार, सम्मान, और अपने काम के प्रति जुनून का एक अनोखा मिश्रण है।

लेकिन, जब दो दिलों के मिलन की बात आती है तो सबसे पहला सवाल मन में यहीं ठहरता है कि आखिर दोनों की मुलाकात हुई कहां होगी। इनकी प्रेम कहानी की दास्तान भी बड़ी दिलचस्प है। उनकी पहली मुलाकात 1975 में नाटक ‘संभोग से संन्यास तक’ के रिहर्सल के दौरान हुई। इस पहली मुलाकात में नसीरुद्दीन, रत्ना की सादगी और व्यक्तित्व के तुरंत ही दिवाने हो गए। वहीं उनकी नजरें मिलने के बाद धीरे-धीरे मुलाकातें शुरू हो गई। दोनों के एक साथ काफी वक्त गुजारा। 6 साल तक चली डेटिंग के बाद आखिर कार 1982 में उन्होंने शादी रचाली और जिंदगी के खूबसूरत पलों की शुरुआत हो गई।

रत्ना पाठक शाह ने अपने इंटरव्यू में कई बार शेयर किया है कि उनकी सफल शादी की वजह उनके रिश्ते को किसी बंधन या परिभाषा में नहीं बांधना है। उन्होंने अपने बंधन को स्वतंत्रता और समझदारी के साथ जिया है। रत्ना ने यह भी बताया कि नसीरुद्दीन के पिछले रिश्ते कभी उनके बीच बाधा नहीं बने। इसके बजाय, उन्होंने हमेशा वर्तमान और अपने रिश्ते की मजबूती पर ध्यान केंद्रित किया।

नसीरुद्दीन और रत्ना के दो बेटे हैं – विवान और इमाद। उनके परिवार को प्यार और समझ की नींव पर बनाया गया है।

नाटक के शीर्षक में छुपा प्रेम का सार

रत्ना पाठक शाह ने एक बार अपने इंटरव्यू में कहा था कि नाटक ‘संभोग से संन्यास तक’ के शीर्षक में ही उनकी प्रेम कहानी का सार छुपा है। इस शीर्षक का अनुवाद “पूर्णता से त्याग तक” है, जो उनके रिश्ते की गहराई और साथ की खूबसूरती को दर्शाता है।

नसीरुद्दीन और रत्ना पाठक शाह की कहानी इस बात का प्रतीक है कि प्यार और समझ से हर रिश्ता खूबसूरत बनाया जा सकता है। उनका जीवन और उनके रिश्ते का दर्शन कई लोगों के लिए प्रेरणा है।