ISRO चीफ एस सोमनाथ का कहना है कि NASA के वैज्ञानिकों ने भारत से चंद्रयान-3 की टेक्नोलॉजी मांगी है। उन्होंने कहा कि जब हमने चंद्रयान-3 डेवलप किया तो नासा के वैज्ञानिकों को इसरो हेडक्वॉर्टर बुलाया। हमने उन्हें समझाया कि कैसे 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। हमने उन्हें अपनी डिजाइन भी समझाई।
चंद्रयान-3 ने लॉन्च होने के 41वें दिन यानी 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंडिंग की। इसी के साथ भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बन गया। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-3 ने चांद की सतह से दो अहम ऑब्जर्वेशन भेजे थे। इनमें एक ऑब्जर्वेशन सतह के तापमान को लेकर था। वहीं दूसरा ऑब्जर्वेशन एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम की मौजूदगी को लेकर था।
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