नरेंद्र दामोदरदास मोदी यह नाम आज देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में गूंज रहा है। देशवासियों के साथ ही पीएम मोदी विदेश में रहने वालों के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं। नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। इनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी और माता का नाम हीराबेन था। मोदी की शुरुआती शिक्षा वडनगर के भागवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल से हुई। उन्हें बचपन से ही एक्टिंग, वाद-विवाद प्रतियोगिता और नाटकों में काफी दिलचस्पी थी। प्रधानमंत्री को लेकर एक चर्चा आम रहती है कि वो पहले अपने पिता जी के साथ स्टेशन चाय बेचा करते थे। इसका जिक्र पीएम मोदी ने खुद कई बार अपने भाषणों में किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने माता-पिता की छह संतान में तीसरे नंबर पर आते हैं। मोदी के माता-पिता का निधन हो चुका है। इनके चार भाई और एक बहन है। 18 साल की उम्र में मोदी की शादी हो गई, लेकिन शादी के कुछ साल बाद इन्होंने अपना घर छोड़ दिया। जिसके बाद से वो अपने परिवार से अलग रहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संघ (RSS) से पुराना रिश्ता है। बात साल 1958 की है, जब दीपावली के मौके पर गुजरात प्रांत के प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार ने इन्हें बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलाई। इसके बाद मोदी संघ के सक्रिय सदस्य बन गए।बीजेपी के दिग्गज नेता और देश के उपप्रधानमंत्री रहे लालकृष्ण आडवाणी को पीएम मोदी का राजनीतिक गुरु माना जाता है। 1985 में पीएम मोदी राजनीति में एंट्री की और बीजेपी से जुड़ गए। मोदी की सक्रियता को देखते हुए उनको पार्टी में जल्द ही बड़ी जिम्मेदारियां मिलने लगीं।
1988-89 में मोदी को गुजरात बीजेपी में महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद मोदी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलता की सीढ़ियां छूते गए। 1995 में मोदी को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया।बात साल 2001 की है, जब गुजरात भूंकप आया था। इससे राज्य में काफी तबाही हुई थी। इस घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इस घटनाक्रम के बाद मोदी को दिल्ली से गुजरात भेजा गया और इस तरह मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उन्हें उनके अच्छे कामों के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार 2001 से 2014 तक उन्हें गुजरात का मुख्यमन्त्री चुना।2014 में लोकसभा चुनाव हुए। एनडीए की तरफ से मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। मोदी की आंधी में एनडीए ने इस आम चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की और मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। उस दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में पीएम मोदी ने 282 सीटें हासिल कीं। इसके बाद इसी तरह 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान एक बार फिर पीएम मोदी ने इतिहास रचते हुए 303 सीटों के बहुमत के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है, जिन्होंने लालकिले के प्राचीर से लगातार देश को नौ बार देश को संबोधित किया है। इतनी सारी सफलताओं के बीच भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई तरह के सवाल उठते रहे हैं गुजरात दंगों में उनकी भूमिका, विकास के गुजरात मॉडल पर उठ रहे सवाल और ध्रुवीकरण करने वाले नेता के रूप में भी उन्हें देखा जाता है, ऐसे में 2024 में प्रधानमंत्री मोदी का मैजिक बरकरार रहता है या इंडिया गठबंधन का जोर उन पर भारी पड़ जाता है उस पर देशभर की निगाहें टिकी हुई है।
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