आज भारत देश 77वां स्वतंत्रता पर्व मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर 10वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इससे पहले पीएम ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस पर बधाई भी दी। इसके बाद पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ध्वजारोहण के बाद वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने फूलों की वर्षा की गई।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहीं ये बातें-
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और अब जनसंख्या के मामले में भी अग्रणी देश। इतना बड़ा देश, मेरे परिवार के 140 करोड़ सदस्य आज स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं।
77वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देने वाले सभी बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के कई हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा कर दिया है। मैं इसका सामना करने वाले सभी परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।
मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम ने कहा कि कुछ दिनों से मणिपुर से लगातार शांति की खबर आ रही है, देश मणिपुर के लोगों के साथ है। समाधान केवल शांति से ही पाया जा सकता है। केंद्र और राज्य सरकार समाधान के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे पास जन सांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता है – ये तीनों मिलकर देश के सपनों को साकार करने की क्षमता रखते हैं। जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता की त्रिमूर्ति देश के सपनों को साकार करने की शक्ति रखती है।
मोदी ने आगे कहा कि मैं पिछले 1000 वर्षों की बात इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं देख रहा हूं कि देश के सामने एक बार फिर अवसर है। अभी हम जिस युग में जी रहे हैं इस युग में हम जो करेंगे, जो कदम उठाएंगे और एक के बाद एक जो निर्णय लेंगे, वह स्वर्णिम इतिहास को जन्म देगा।
77वें स्वतंत्रता दिवस पर देश के युवाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि देश में अवसरों की कोई कमी नहीं है। देश में अनंत अवसर प्रदान करने की क्षमता है। कोविड-19 महामारी के बाद एक नई विश्व व्यवस्था, एक नया भू-राजनीतिक समीकरण बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भू-राजनीति की परिभाषा बदल रही है। आज नई विश्व व्यवस्था को आकार देने में 140 करोड़ लोगों की क्षमता देखी जा सकती है। सुधार, निष्पादन और परिवर्तन से देश बदल रहा है।
पीएम ने जी-20 समिट को लेकर कहा कि आज भारत को G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ है। बीते वर्ष में जिस प्रकार भारत के कोने-कोने में G20 के अनेक आयोजन हुए, उससे दुनिया को भारत के सामान्य जन के सामर्थ्य, भारत की विविधता का परिचय हुआ है। 2014 में जब हम सत्ता में आए तो वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में हम 10वें स्थान पर थे। आज 140 करोड़ भारतीयों के प्रयास से हम वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं। यह ऐसे ही नहीं हुआ जब भ्रष्टाचार के राक्षस ने देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया था तब हमने इसे रोका और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाई।
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