CATEGORIES

July 2024
MTWTFSS
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031 
July 1, 2024
nalanda university

नालंदा विश्वविद्यालय को फिर मिली एक नई पहचान, PM ने किया उद्घाटन

इतिहास के पन्नों पर दर्ज नालंदा विश्वविद्यालय ने आज अपनी अलग पहचान बना ली है। आज 19 जून , 2024 को भारत के लिए एक बहुत ही ऐतिहासिक दिन है| आज पुनः नालंदा विश्वविद्यालय का उदघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।

उद्घाटन से पहले पीएम ने नालंदा विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया| प्रधानमंत्री ने नालंदा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का जिक्र करते हुए कहा,” प्राचीन नालंदा में बच्चों का एडमिशन उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था। हर देश, हर वर्ग के युवा यहां आते थे।”

पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से मजबूती देनी है। दुनिया के कई देशों से यहां छात्र आने लगे हैं। यहां नालंदा में 20 से ज्यादा देशों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। ये वसुधैव कुटुंबकम की भावना का कितना सुंदर प्रतीक है।

उदघाटन के बाद उन्होंने ट्वीट किया ”आज हम नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन कर रहे हैं। यह सीखने, शोध और नवाचार को प्रोत्साहित करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुनरावृत्ति है। यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विद्वानों को हमारे देश में आकर शिक्षा प्राप्त करने के लिए आकर्षित करने का भी एक प्रयास है” आज नालंदा विश्वविद्याला को फिर एक नई पहचान मिली है|

नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विख्यात केंद्र था। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त काल के दौरान पांचवीं सदी में कुमारगुप्त प्रथम ने किया था। इतिहास के अनुसार, सन् 1193 में बख्तियार खिलजी के आक्रमण के बाद इसे जला दिया गया था। हिस्टोरियंस का कहना है की नालंदा विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में इतनी किताबे थी की वहां की लगी हुई आग 6 महीने तक नहीं बुझी थी|

यहां की लाइब्रेरी में रखी सभी किताबे बहार के आएं लोगों को चौका देती थी उन किताबों में दुनिया भर का ज्ञान धर्म से विज्ञान तक की सारी जानकारी मौजूद थी| नालंदा विश्वविद्याला में एडमिशन लेने के लिए विद्यार्थियो को एक बहुत ही कठिन एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ता था| साथ के साथ वहां एडमिशन लेने से पहले विद्यार्थियो को डिबेट में भी शामिल करते थे जहां एक से बढ़कर एक विद्वान होते थे|

नालंदा विश्वविद्याला में विद्यार्थियो के लिए अन्य विश्वविद्यालयों से शिक्षा देने का एक अलग तरीका अपनाया जाता था उनको धर्म, विज्ञान, पर्यावरण, गृह विज्ञान आदि का ज्ञान दिया जाता था| जिससे विद्यार्थियों को सभी चीज़ों का ज्ञान हुआ करता था|