पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले के कृपाखाली क्षेत्र में एक 10 साल की बच्ची का शव मिलने से क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया है। परिवार और स्थानीय निवासियों का आरोप है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की गई है। घटना 4 अक्टूबर को हुई, जब बच्ची ट्यूशन से लौटते समय लापता हो गई थी। पुलिस की ओर से कार्रवाई में देर होने का आरोप भी लोगों ने लगाया है।
शव मिलने के बाद, स्थानीय लोगों ने महिस्मारी पुलिस चौकी पर प्रदर्शन किया, जिसमें आक्रोशित भीड़ ने चौकी को आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया। कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। स्थानीय विधायक गणेश मंडल ने स्थिति को संभालने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें भी धक्का दे दिया।
पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने शिकायत के बाद तुरंत कार्रवाई की और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, लोगों का कहना है कि पुलिस का रवैया इस मामले में संतोषजनक नहीं था और वे इसे कोलकाता में हुए एक अन्य रेप-मर्डर केस के समान मानते हैं।
भाजपा ने भी इस मामले को लेकर राज्य की टीएमसी सरकार की आलोचना की है। पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महिलाओं की सुरक्षा में असफल साबित हो रही हैं। उन्होंने मांग की है कि आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए और मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
इस दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र में गहरा सदमा पहुंचाया है और स्थानीय लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। पुलिस और प्रशासन को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
इस प्रकार की घटनाएं समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की गंभीर स्थिति को दर्शाती हैं। हमें चाहिए कि हम इस मुद्दे को न केवल चर्चा में रखें, बल्कि इसके खिलाफ ठोस कदम भी उठाएं। यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर सदस्य को मिलकर इस परिवर्तन के लिए प्रयास करना होगा।
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