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भयानक हत्या: बेगूसराय में दोस्त ने लाश के किये पांच टुकड़े!

बेगूसराय के कसहा गांव में एक चौंका देने वाली हत्या ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। 24 वर्षीय बिट्टू कुमार का शव, जिसे क्रूरता से काटकर कई टुकड़ों में फेंका गया, अब इस जघन्य अपराध की गुत्थी को सुलझाने में मदद कर रहा है। पुलिस ने बिट्टू के करीबी दोस्त सुमित कुमार को गिरफ्तार किया है, जिसने इस भयानक वारदात का खुलासा किया है।

हत्या की दास्तान: एक रहस्यमय रिश्ता

सुमित ने बताया कि बिट्टू के साथ उसके समलैंगिक संबंध थे। 19 अक्टूबर को बिट्टू ने सेक्स बढ़ाने वाली दवा लाई, जिसके बाद दोनों के बीच विवाद हुआ। गुस्से में आकर सुमित ने अपने भतीजे के साथ मिलकर बिट्टू की हत्या की। सुमित का आरोप है कि बिट्टू उसकी शादी में बाधा डालने का प्रयास कर रहा था, जिससे उसकी नाराजगी बढ़ गई।

खौफनाक शव का निपटारा

सुमित ने पुलिस को बताया कि उसने बिट्टू के शव को काटकर अपने बड़े भाई की चिमनी के पास रखा और फिर बोरे में पैक कर फेंक दिया। यह सुनकर हर कोई दंग रह गया। पुलिस ने घटनास्थल से खून के धब्बे भी बरामद किए हैं, जो इस दावे की पुष्टि करते हैं। सोमवार को बिट्टू का शव तालाब से मिला, जबकि अन्य अंग 2 किलोमीटर दूर पाए गए।

गांव की बातें: छिपे हुए राज़

गांव वालों ने बताया कि सुमित की चाल-ढाल लड़कियों की तरह थी, और उनके बीच की दोस्ती में कुछ गहराई थी। बिट्टू के छोटे भाई धीरज ने कहा कि दोनों के बीच पहले भी झगड़े हुए थे, लेकिन उन्होंने इसे भुला दिया। इससे यह सवाल उठता है कि क्या यह हत्या का मामला केवल एक तात्कालिक गुस्सा था या इसके पीछे और भी गहरे कारण थे?

अंतिम संस्कार और परिवार की स्थिति

बिट्टू का अंतिम संस्कार सिमरिया गंगा घाट पर किया गया, जहां उसके छोटे भाई ने मुखाग्नि दी। उसका परिवार इस दुखद घटना से आहत है। पिता देवेंद्र यादव एक मजदूर हैं, और बिट्टू की अनुपस्थिति ने परिवार की आर्थिक स्थिति को भी कमजोर कर दिया है।

क्या यह एक अकेला अपराध है?

यह मामला समाज के एक ऐसे पहलू को उजागर करता है, जिसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। समलैंगिक संबंधों को लेकर समाज में व्याप्त पूर्वाग्रह, हत्या जैसी जघन्य घटनाओं का कारण बन सकता है। यह घटना एक गंभीर प्रश्न उठाती है: क्या समाज को ऐसे मामलों को समझने और स्वीकार करने की जरूरत नहीं है, ताकि हम ऐसे अपराधों से बच सकें?

इस खौफनाक हत्या ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे समाज में कितनी गहराई से नफरत और असहमति जड़ें जमाए हुए हैं। हमें इसके कारणों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे दुखद मामलों से बचा जा सके।