पाचं राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सभी पार्टियां प्रचार-प्रसार में लग चुकी हैं। कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही पार्टियां नई-नई रणनीतियां बना रही हैं। इसमें कई प्रत्याशियों के नामों को लेकर तो कहीं आदर्श आचार के उलंघन को लेकर खबरे तेज हो रही है। जिन राज्यों में चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं वहां से आए दिन कई बड़ी-बड़ी खबरे सामने आ रही हैं। हाल ही में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए 229 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की है। इनमें मध्यप्रदेश के 144, छत्तीसगढ़ के 30 और तेलंगाना के 55 कैंडिडेट्स के नाम शामिल हैं। तीनों राज्यों की 210 सीटों पर अभी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान बाकी है।
बात करें मध्य प्रदेश की तो यहां 96 विधायकों में से 69 को फिर से मौका दिया गया है। इसमें हर वर्ग के कैंडिडेट को मौका मिला है। लिस्ट पर ध्यान दिया जाए तो 6 सीटों पर अल्पसंख्यकों पर दांव आजमाया गया है। कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में 19 महिलाओं को चुनकर उन्हें महत्व दिया है। जिसमें इस बार आपकों कई नए चेहरों का दिदार होगा। पार्टी ने इस बार कई युवा चेहरों पर ज्यादा दम दिखानें का मूड बना लिया है।
- सूची देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बगैर मान मनोब्बल सर्वे के आधार पर ही कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस ने पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति सहित तीन विधायकों के टिकट काट दिए हैं, जबकि केपी सिंह को पिछोर के स्थान पर शिवपुरी से मैदान में उतार दिया है। इसके अलावा इस लिस्ट में कई नेताओं के परिजानों को भी टिकट दिया गया है।
- वहीं कांग्रेस ने इस बार मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहण के खिलाफ टीवी सीरियल रामायण में हनुमान का किरदार निभाने वाले पॉपुलर एक्टर विक्रम मस्ताल को मैदान में उतारा है। दरअसल, रामानंद सागर ने साल 2008 में दोबारा रामायण धारावाहिक का निर्माण किया था, जिसमें विक्रम मस्ताल पवन पुत्र ‘हनुमान’ की भूमिका में नजर आए थे. उनका पूरा नाम विक्रम मस्ताल शर्मा (Vikram Mastal Sharma) है, जिन्होंने जुलाई में ही सिद्ध सिमरिया धाम में कांग्रेस की सदस्यता ली थी।
- कांग्रेस ने इस लिस्ट में 144 प्रत्याशियों के नाम हैं। सूची जारी होने के कुछ घंटे बाद ही पार्टी में बगावती सुर तेज हो गए हैं। पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने इस्तीफा दे दिया। वहीं, पीसीसी मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष ने भी अपना इस्तीफा कमलनाथ को भेज दिया।
- इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। कांग्रेस की 144 प्रत्याशियों वाली पहली लिस्ट आने के बाद दिग्विजय सिंह का इस्तीफा वायरल होने को लेकर कई तरह की चर्चाएं होने लगी। इस बीच दिग्विजय सिंह ने इसका खंडन किया। साथ ही कहा कि बीजेपी ने यह झूठ फैलाया है। मैं मामले की पुलिस से शिकायत करवा रहा हूं। वायरल हुए लेटर में लिखा था कि अपने पांच दशक के राजनीतिक सफर में कई अनुभव मुझे कांग्रेस में रहते हुए मिले। एक साधारण कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्रद्धी तक का सफर मैंने कांग्रेस पार्टी में रहते हुए तय किया। पार्टी ने मुझे राष्ट्रीय महासचिव से लेकर राज्यसभा सदसरू जैसे महत्वपूर्ण पद तक पहुंचाने का काम किया, जिसके लिए मैं आजीवन आभारी रहूंगा, लेकिन गत कुछ महीनों से शीर्ष नेतृत्व में उदासीनता देखकर मैं आहत हूं। मध्य प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ता केंद्रित दल न होकर अब विशेष नेता केंद्रित हो गई है। जिसकी वजह से खुद को असहत पा रहा हूं।
- रेल मंडल के अंतर्गत यात्री गाड़ियों के कोच पर मध्य प्रदेश सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार अचार संहिता लागू होने के बाद भी जारी है। इसे लेकर कांग्रेस नेता पारस सकलेचा ने चुनाव आयोग से शिकायत की है। प्रदेश कांग्रेस महासचिव सकलेचा ने पत्र लिखकर राज्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की है कि दाहोद-उज्जैन-हबीबगंज ट्रेन की बोगियों पर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी मध्य प्रदेश सरकार की लाडली बहन योजना और सिखो कमाओ योजना के विज्ञापन लगे हुए हैं। इस संबंध फोटो और वीडियो प्रमाण के साथ चुनाव आयोग को शिकायत की गई है। कांग्रेस ने मामले में मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है और चुनाव आयोग से सख्त कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है।
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