18-10-2022
MP के जंगलों में पले-बढ़े मोगली की कहानी तो आप जानते ही होंगे। पेंच के जंगल में मिले इस बच्चे पर रुडयार्ड किपलिंग ने जंगल बुक लिखी, जिस पर हॉलीवुड मूवी भी बनी। अब मध्य प्रदेश के बड़वानी का एक और मोगली बॉय सुर्खियां बटोर रहा है। फर्क यह है बड़वानी का यह मोगली कॉलेज जाता है, लेकिन पूरे कपड़े के बजाय चड्डी पहनकर…
MP के इस मोगली को कपड़े पहनना पसंद नहीं। कोई कपड़े पहनने का कह दे तो उससे 3-4 दिन बात नहीं करता। मोगली यानी कन्हैया की कहानी में एक मां का संघर्ष है जो अपने बेटे को पिछड़े हुए नहीं देखना चाहती। इसीलिए वह उसके कपड़े न पहनने की जिद के आगे झुक जाती है। बचपन में मां उसे कपड़े पहनाती तो वह उन्हें उतारकर फेंक देता या फाड़ देता था। ऐसे ही ‘ड्रेस कोड’ में कन्हैया 5वीं तक पढ़ा। हालांकि, कॉलेज जाने पर कन्हैया टॉवेल लपेट लेता है।
कन्हैया की हैंडराइटिंग भी सुंदर है। वह आम लड़कों की तरह बोल सकता है, लिख सकता है, पढ़ सकता है और खेल भी सकता है। कबड्डी का धुरंधर खिलाड़ी है। बचपन से ही कन्हैया अपनी बकरियों से प्यार करता है। आज भी वह कॉलेज जाने से पहले और कॉलेज से लौटकर बकरी चराने जाता है। बोलता इतना कम है कि सामने वाले को लगता है कि वह गूंगा है। खासतौर पर तब बिल्कुल मुंह सिल लेता है, जब आप इससे कपड़े न पहनने की वजह पूछ बैठते हैं।खाने में सिर्फ दूध रोटी, सब्जी-फल नहीं खाता। मिर्च तो बिल्कुल भी नहीं, सिर्फ दूध रोटी खाता है। समोसा या चाइनीज खाने के सवाल पर मां ललिता बताती हैं कि हम पैसे देंगे तो समोसा खरीदकर खा लेता है। उसके भीतर का मसाला निकालकर फेंक देता है और बिना मिर्च वाला हिस्सा खा लेता है। नूडल्स, मंचूरियन कुछ नहीं खाता। कन्हैया रोज बकरी चराने जाता है उसी दौरान जंगल से दातून तोड़कर दांत साफ कर लेता है। उसने आज तक टूथपेस्ट या ब्रश का उपयोग नहीं किया।
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