CATEGORIES

May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
Tuesday, May 6   12:24:38

मां और बेटी ने मिलकर रचा कानून के रक्षक की हत्या का खौफनाक षड्यंत्र, गूगल से ली थी मौत की पाठशाला!

कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश की हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। एक ऐसा अफसर जिसने कानून-व्यवस्था की रक्षा में अपना जीवन समर्पित किया, उसका अंत उसी घर की चारदीवारी में हुआ, जहां से जीवन की सुरक्षा की उम्मीद की जाती है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हत्या का आरोप खुद उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी कृति पर है।

हत्या की पटकथा: गूगल से गाइडेंस, चाकू से अंजाम

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि यह हत्या एक सुनियोजित साजिश का परिणाम थी। पल्लवी ने गूगल पर “गले की नस काटने से मौत कैसे होती है” जैसे भयावह सवाल सर्च किए। इससे साफ है कि हत्या कोई गुस्से में उठाया गया कदम नहीं, बल्कि ठंडे दिमाग से रची गई योजना थी।

हत्या के दिन ओम प्रकाश जब खाना खा रहे थे, तभी दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी शुरू हो गई। मामला इतना बिगड़ा कि पल्लवी ने पहले मिर्ची पाउडर फेंककर उन्हें असहाय किया और फिर चाकू से गर्दन, पेट और सीने पर 10 से 12 वार किए। यह सब उनकी बेटी कृति की मौजूदगी में हुआ।

वारदात के बाद “विजय” का मैसेज

हत्या के बाद पल्लवी ने एक IPS अधिकारी की पत्नी को मैसेज भेजा – “एक राक्षस को खत्म कर दिया।” यह मैसेज न केवल उसकी मानसिक स्थिति का संकेत देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह अपने किए को न्यायसंगत मानती थी। बाद में उसने फोन कर हत्या की बात भी स्वीकार की।

बेटे का बयान: मां मानसिक रोगी थी

ओम प्रकाश के बेटे कार्तिकेश ने ही इस हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। उसका आरोप है कि उसकी मां पल्लवी पिछले एक सप्ताह से उसके पिता को जान से मारने की धमकी दे रही थी। उसने यह भी बताया कि पल्लवी पिछले 12 सालों से सिजोफ्रेनिया जैसी गंभीर मानसिक बीमारी से जूझ रही थीं। इसके बावजूद उन्हें किसी की निगरानी में क्यों नहीं रखा गया – यह एक बड़ा सवाल है।

पारिवारिक झगड़े से खूनी अंजाम तक

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस हत्या के पीछे संपत्ति विवाद एक बड़ी वजह हो सकता है। ओम प्रकाश ने अपनी प्रॉपर्टी किसी अन्य रिश्तेदार के नाम कर दी थी, जिससे पल्लवी और बेटी नाराज़ थीं। घर में पहले भी झगड़े और हाथापाई की घटनाएं हो चुकी थीं।

पुलिस की जांच जारी

बेंगलुरु पुलिस की शुरुआती जांच में हत्या की पुष्टि हो चुकी है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विकास कुमार ने बताया कि उन्हें रविवार शाम करीब 4 बजे इस हत्या की सूचना मिली। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने भी इस घटना को दुखद बताते हुए कहा कि जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी।

यह घटना केवल एक हत्या नहीं है, यह उस अंधेरे की कहानी है जो हमारे परिवारों में चुपचाप पनपता है – मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा, संवाद की कमी, और अधिकारों की जंग। एक सशक्त पुलिस अधिकारी, जिसने अपराधियों से लोहा लिया, अंत में अपने ही घर में असहाय रह गया।

यह केस हमारे समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम मानसिक बीमारियों को गंभीरता से लेते हैं? क्या एक बीमार मन को समय रहते इलाज और देखभाल नहीं मिलनी चाहिए?

अगर समाज और परिवार सच में ‘सेफ स्पेस’ बन जाएं, तो शायद ऐसी भयावह घटनाएं रोकी जा सकती हैं।