तस्वीरें वक्त का हलफनामा होती हैं। ये यादों का पुलिंदा है। जो चेहरे की झुर्रियों में भी मुस्कुराहट भर देती है। लेकिन इसके लिए जरूरी होता है,केमरे की आंख से सटीक देखना,और उस वक्त को,पल को उकेरना। ऐसे ही तस्वीरकार है, वडोदरा के गौरव पुरस्कार विजेता नफीस खान सर।
हमारी नई सीरीज “Moods of Nafis khan” में है, नफीस खान सर की ऐसी ही बेशकिमती तस्वीरों का खज़ाना। आज की इस 14th तस्वीर को देखकर आपके मन में पहला ख्याल क्या आता है! हमसे शेयर कीजिए, कमेंट बॉक्स में और बनिए इसका हिस्सा।
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