CATEGORIES

April 2024
MTWTFSS
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930 
April 28, 2024

कोरोना मामले में मोदी सरकार ग्लोबल मीडिया के निशाने पर

भारत में कोरोना की दूसरी लहर से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। कोरोना के लिए स्पेशल मेडिकल सेवाओं की तो बात ही छोड़िए, लोगों को अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं के लिए मारामारी करनी पड़ रही है। कोरोना से जान गई तो श्मशान और कब्रिस्तान में भी जगह के लिए लड़ाई जैसा मंजर है। ऐसे में विदेशी मीडिया ने मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

सबसे तीखा रिएक्शन ऑस्ट्रेलिया के अखबार ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू में देखने को मिला है। कार्टूनिस्ट डेविड रोव ने एक कार्टून में दिखाया है कि भारत देश जो कि हाथी की तरह विशाल है। वह मरने वाली हालत में जमीन पर पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसकी पीठ पर सिंहासन की तरह लाल गद्दी वाला आसन लगाकर बैठे हुए हैं। उनके सिर पर तुर्रेदार पगड़ी और एक हाथ में माइक है। वह भाषण वाली पोजिशन में हैं। यह कार्टून सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

अमेरिकी अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने 24 अप्रैल के अपने ओपिनियन में लिखा कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर की सबसे बड़ी वजह पाबंदियों में जल्द राहत मिलना है। इससे लोगों ने महामारी को हल्के में लिया। कुंभ मेला, क्रिकेट स्टेडियम जैसे इवेंट में दर्शकों की भारी मौजूदगी इसके उदाहरण हैं। एक जगह पर महामारी का खतरा मतलब सभी के लिए खतरा है। कोरोना का नया वैरिएंट और भी ज्यादा खतरनाक है।

ब्रिटेन के अखबार ‘द गार्जियन’ ने भारत में कोरोना से बने भयानक हालात को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा है। 23 अप्रैल को अखबार ने लिखा- भारतीय प्रधानमंत्री के अति आत्मविश्वास से देश में जानलेवा कोविड-19 की दूसरी लहर रिकॉर्ड स्तर पर है।लोग अब सबसे बुरे हाल में जी रहे हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड दोनों नहीं है। 6 हफ्ते पहले उन्होंने भारत को ‘वर्ल्ड फार्मेसी’ घोषित कर दिया, जबकि भारत में 1% आबादी का भी वैक्सीनेशन नहीं हुआ था।

अमेरिकी अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने भारत के संदर्भ में 25 अप्रैल को लिखा कि साल भर पहले दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन लगाकर कोरोना पर काफी हद तक काबू पाया, लेकिन फिर एक्सपर्ट्स की चेतावनी की अनदेखी की गई। आज कोरोना के मामले बेकाबू हो गए हैं। अस्पतालों में बेड नहीं है। प्रमुख राज्यों में लॉकडाउन लग गया है। सरकार के गलत फैसलों और आने वाले मुसीबत की अनदेखी करने से भारत दुनिया में सबसे बुरी स्थिति में आ गया, जो कोरोना को मात देने में एक सफल उदाहरण बन सकता था।

प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन में 23 अप्रैल को राणा अय्यूब के लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना की लड़ाई में नाकाम बताया गया। लेख में सवाल किया गया है कि कैसे इस साल कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते तैयारी नहीं की गई।प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा गया कि जिम्मेदारी उनके पास है, जिसने सभी सावधानियों को खुद नजरअंदाज किया। जिम्मेदारी उस मंत्रिमंडल के पास है, जिसने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में कहा कि देश में कोरोना के खिलाफ उन्होंने सफल लड़ाई लड़ी। यहां तक कि टेस्टिंग धीमी हो गई। लोगों में भयानक वायरस के लिए ज्यादा भय न रहा।

दो दिन पहले प्रकाशित लेख में ब्रिटिश न्यूज एजेंसी BBC ने कहा कि कोरोना के रिकॉर्ड मामलों से भारत के हेल्थकेयर सिस्टम पर बुरा असर पड़ा है। लोगों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन नहीं है। कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी की वजह हेल्थ प्रोटोकॉल में ढिलाई, मास्क पर सख्ती और कुंभ मेले में लाखों लोगों की उपस्थिति रही।