Manoj Bajpayee बॉलीवुड की दुनिया के एक बहुत बड़े और बेहतरीन कलाकार है। उन्होनें एक से बढ़कर एक किरदार निभाए हैं। हालाँकि, एक किरदार ने उनके दिल-ओ-दिमाग पर एक अलग सा असर छोड़ दिया था। उस किरदार को निभाते निभाते वह इस मकाम पर आ गए थे कि ऐसा लग रहा था मानो उनका मानसिक संतुलन बिगड़ने ही वाला है। उस किरदार ने इनके दिमाग पर इतना गहरा असर छोड़ा था।
वह किरदार था 2017 में आई उनकी फिल्म ‘गली गुलियां’ के खुद्दूस का। मनोज बाजपेयी ने हालही में राज शमानी के साथ एक इंटरव्यू किया था। जिसमें उन्होनें बताया था कि भले ही इस फिल्म को रिलीज़ हुए 6 से 7 साल हो चुके हैं, लेकिन इस किरदार का असर आज भी उनके ऊपर है। उनको अक्सर दिमाग में सीटियों की आवाज़ भी सुनाई देने लगी थी। इसको याद करके वह आज भी परेशान हो जाते हैं। इसकी वजह यह है कि उनका यह रोल बहुत डार्क था।
इस फिल्म में उनका यह किरदार बहुत ही मुश्किल था। जिसे निभाते निभाते उनको लग रहा था जैसे वह अपना मानसिक संतुलन खो देंगे। लेकिन, उनके पास और कोई चारा भी नहीं था।
बता दें कि मनोज उस किरदार की प्रेक्टिश में इतने घुस गए थे, कि उस दौरान वह अपने आप से ही बातें करने लगे थे। परिवार को भी भूल गए थे। इस वजह से उनकी पत्नी को उनकी चिंता होने लगी थी।
शूट के दौरान एक दिन उनकी हालत बहुत खराब हो गई। उन्होनें अपने डायरेक्टर से कहा “मेरी मदद करो। मैं मुसीबत में हूँ।” उसके बाद जब डॉक्टर को बुलाया गया तो उन्होनें नर्वस ब्रेकडाउन के सिम्पटम्स बताएं। फिर उन्हें ज़बरदस्ती नींद की गोलियां देकर सुलाना पड़ा। वह 2 दिनों तक लगातार सोते रहे।
गली गुलियां फिल्म को भले ही ज़्यादा बड़ी पहचान न मिली हो, भले ही वह हिट न हुई हो, लेकिन वह मनोज बाजपेयी के जीवन की एक बहुत एहम फिल्म थी। इसे वह कभी भूल नहीं पाएंगे।
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