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Menstrual Health day

Menstrual Health Day 2024: क्या पीरियड्स में आपको भी नहीं आती नींद, जानें क्या हैं कारण

Menstrual Health Day 2024:  मासिक धर्म स्वास्थ्य एक महिला के जीवन को कई प्रकार से प्रभावित करता है। इसमें उनकी नींद से लेकर मेंट्ल हेल्थ तक सारी चीजें शामिल हैं। मेंस्ट्रुअल साइकिल लगभग 28 दिनों तक चलता है। इसमें हार्मोंन्स के उतार चढ़ाव शामिल होते हैं जो सीधे तौर पर आपके मूंड, आपकी एनर्जी, अपकी नींद सभी पर असर डाल सकते हैं। डॉक्टर के मुताबिक मेंस्ट्रुअल हेल्थ और नींद के बीच संबंध को समझने के लिए महिलाओं को अपने पीरिएड्स साइकल को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है।

मेंस्ट्रुअल साइकिल और हार्मोनल चेंज

मेंस्ट्रुअल साइकिल को चार भागों में बांटा गया है। पहला मेंस्ट्रूअल फेस (menstrual phase) , फॉलीक्यूलर फेस (follicular phase) , ओव्यूलेशन और ल्यूटियल फेस (ovulation and luteal phase)। हर फेस में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन के स्तर में परिवर्तन शामिल होता है। जो नियमित रूप से नींद लेने में मदद करता है।

मेंस्ट्रूअल menstrual phase (दिन 1-5): यह चरण मेंस्ट्रुएशन के पहले दिन से शुरू होता है और लगभग पांचवें दिन तक रहता है। इस दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होता है। कई महिलाओं को ऐंठन, सिरदर्द और थकान का अनुभव होता है, जिससे नींद लेने में दिक्कतें आ सकती हैं।

फॉलीक्यूलर follicular phase (दिन 1-13): मेंस्ट्रुएशन फेस के साथ ओवरलैप होता है और ओव्यूलेशन तक जारी रहता है, इस चरण में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है। उच्च एस्ट्रोजन का स्तर आम तौर पर बेहतर नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देता है, क्योंकि यह हार्मोन आरईएम (Rapid eye movement sleep) नींद में वृद्धि के साथ जुड़ा हुआ है।

ओव्यूलेशन ovulation (दिन 14): इस फेस के आसपास, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन में वृद्धि ओव्यूलेशन को ट्रिगर करती है। कुछ महिलाओं को हार्मोनल बदलाव और ओव्यूलेशन से जुड़ी हल्की परेशानी के कारण नींद की गुणवत्ता में थोड़ी गिरावट का अनुभव हो सकता है।

ल्यूटियल luteal phase (दिन 15-28): ओव्यूलेशन के बाद, शरीर को संभावित गर्भावस्था के लिए तैयार करने के लिए प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है। प्रोजेस्टेरोन में शामक प्रभाव होता है, जो नींद को बढ़ावा दे सकता है। हालाँकि, यदि गर्भावस्था नहीं होती है, तो मासिक धर्म दोबारा शुरू होने से पहले प्रोजेस्टेरोन का स्तर तेजी से गिर जाता है, जिससे मासिक धर्म से पहले के लक्षण (पीएमएस) उत्पन्न होते हैं जो नींद में बाधा डाल सकते हैं।