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Thursday, December 5   2:00:04

गुजरात में 6,000 करोड़ का महाघोटाला: क्रिकेटर्स से लेकर रिटायर्ड अफसर तक फंसे, CEO फरार

भरोसे का गला घोंटती बीजेड फाइनेंस कंपनी

गुजरात की बीजेड फाइनेंस कंपनी और उसके सीईओ भूपेंद्र सिंह झाला ने निवेशकों को भारी मुनाफे का लालच देकर उनके साथ विश्वासघात किया। कंपनी ने 3% से 30% तक मासिक ब्याज देने और 5 लाख के निवेश पर गिफ्ट या गोवा ट्रिप जैसी लुभावनी पेशकश कर हजारों लोगों को अपने जाल में फंसाया। अब यह कंपनी बंद हो चुकी है, और झाला फरार है।

क्रिकेटर्स भी नहीं बचे ठगी से

इस घोटाले में क्रिकेटर्स शुभमन गिल, राहुल तेवतिया और मोहित शर्मा जैसे नामचीन खिलाड़ी भी फंसे। उन्होंने कंपनी में 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का निवेश किया था। यह साबित करता है कि इस घोटाले की पहुंच आम आदमी से लेकर मशहूर हस्तियों तक थी।

14,000 पीड़ित और बढ़ती शिकायतें

सीआईडी की जांच के अनुसार, बीजेड ग्रुप ने देशभर में करीब 14,000 लोगों को चूना लगाया। इनमें रिटायर्ड कर्मचारी, बिजनेसमैन और अन्य लोग शामिल हैं।

भूपेंद्र का चकाचौंध भरा जीवन और राजनीतिक खेल

भूपेंद्र सिंह झाला का जीवनशैली बेहद आलीशान थी। महंगी कारों, विशाल बंगले और 10 एकड़ जमीन के मालिक झाला ने सामाजिक कार्यों के जरिए राजनीतिक कद भी बढ़ाने की कोशिश की। पिछली लोकसभा चुनाव में उसने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था और शक्ति प्रदर्शन भी किया।

क्रिप्टोकरेंसी और विदेश में विस्तार की योजना

कंपनी ने निवेशकों से जुटाए गए पैसे को क्रिप्टोकरेंसी और अन्य योजनाओं में लगाया। दुबई और गांधीनगर की गिफ्ट सिटी में ऑफिस खोलने की योजना भी बनाई जा रही थी।

गिरफ्तारी और जांच की उम्मीदें

हालांकि, भूपेंद्र फरार है, लेकिन सीआईडी ​​का दावा है कि उसने देश नहीं छोड़ा है। सभी इंटरनेशनल हवाई अड्डों को अलर्ट पर रखा गया है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी हो सकती है।

सबक और सवाल

यह घोटाला बताता है कि कैसे लालच और भरोसे का खेल समाज के हर तबके को नुकसान पहुंचा सकता है। बड़ी हस्तियों के फंसने से यह भी साबित होता है कि निवेश से पहले गहराई से जांच-पड़ताल जरूरी है।

भूपेंद्र सिंह झाला जैसे लोग हमारे देश में वित्तीय नियमों और निवेशकों की सुरक्षा के अभाव का फायदा उठाते हैं। सरकार को चाहिए कि ऐसे घोटालों पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए और निवेशकों को शिक्षित करे। यह घटना हर नागरिक के लिए एक चेतावनी है कि लुभावने वादों से बचें और निवेश से पहले पूरी जानकारी लें।