“नर्मदा बचाओ आंदोलन” से जानी जाती मेधा पाटकर को दिल्ली लेफ्टिनेंट गवर्नर की मानहानि के केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सजा दी है।
दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना द्वारा प्रेस रीलिज कर उनको बदनाम करने और छवि धूमिल करने के मामले दायर आपराधिक मानहानि केस में कोर्ट ने 7 जून को मेघा पाटकरको दोषित करार दिया गया था।
इस मामले दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मेघा पाटकर को 5 महीने की जेल और 10 लाख रुपए मानहानि के एवज में बी के सक्सेना को देने का फरमान किया है। वहीं मेघा पाटकर ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए उच्च अदालत में इस फैसले को चुनौती देने की बात कहीहै। यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2000 से ही पाठ कर और सक्सेना के बीच कानूनी लड़ाई जारी है।

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