पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब हिंदी की ताकत को समझने लगी हैं। इसकी एक बड़ी वजह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को माना जा रहा है। दरअसल पश्चिम बंगाल में शानदार जीत के बाद से लगातार इस पर बात पर चर्चा हो रही है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्ष का चेहरा बन सकती हैं। लेकिन इस राह में उनकी अच्छी हिंदी नहीं आना एक बड़ी अड़चन है। जबकि हिंदी पट्टी वाले राज्यों खासतौर पर उत्तर प्रदेश को दिल्ली की सत्ता तक पहुंचने या केंद्रीय राजनीति में आने की सीढ़ी माना जाता है। इसलिए यदि इन राज्यों की जनता तक ममता को पहुंचना है उनका हिंदी में बोलना जरूरी होगा। चर्चा है कि इसी वजह से ममता बनर्जी को अब हिंदी से खास लगाव हो गया है।
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