देश में लोकसभा चुनावों को लेकर सारी पार्टीयां जोरों-सोरों से तैयारियां कर रही हैं। इसके लिए सभी पार्टियों की ओर से जमकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। वहीं पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हालत खराब होती जा रही है। एक ओर संदेशखाली के मामले में दीदी की फजीहत करा दी तो दूसरी ओर करीबियों का साथ छूटता गया। इतना ही नहीं अब जो खबर सामने आई है उससे ममता रोने जैसी हो गई है। ईडी की ओर से जो झटका ममता को लगा है उसकी कीमत शायद ममता को महंगी पड़ सकती है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को तगड़ा झटका लगा। कोर्ट ने बंगाल सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है, जिसमें संदेशखाली मामले की सीबीआई जांच पर रोक लगाने की मांग की गई थी। पिछले दिनों कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसके बाद ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।
इसके बाद ममता जहां शांत होती वहीं मंगलवार को मोदी सरकार ने देशवासियों को लोकसभा चुनाव के पहले सीएए लागू करने का फरमान सुना दिया। जिसके बाद ममता और भी भड़क गई। ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी में CAA के विरोध में बुधवार को प्रस्तावित रैली रद्द करने और कोलकाता लौटने का फैसला किया। बता दें कि मुख्यमंत्री को एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में भाग लेने के अलावा CAA लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में आज सिलीगुड़ी में एक मेगा रैली का भी नेतृत्व करना था। हालांकि, बुधवार सुबह यह घोषणा की गई कि मुख्यमंत्री केवल प्रशासनिक कार्यक्रमों में भाग लेंगी और फिर कोलकाता लौट जायेंगी।
सीट बंटवारे ने पैदा किया दीदी-भाई में संकट
लोकसभा चुनाव जितनी पास आता जा रहा है ममता बनर्जी की टेंशन उतनी बढ़ती जा रही है। इसी दौरान ममता बनर्जी के भाई बबुन बनर्जी ने निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया। भाई के इस फैसले पर बुधवार (13 मार्च, 2024) को दीदी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) चीफ की प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा- मैं उसे परिवार का हिस्सा नहीं मानती हूं। दीदी ने कहा, “मैं और मेरा परिवार बाबुन बनर्जी के साथ सभी संबंध खत्म करते हैं।”
छोटे भाई को लेकर दीदी की यह टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई जब हावड़ा सीट से टीएमसी उम्मीदवार के खिलाफ भाई बाबुन बनर्जी का बयान आया था। रोचक बात है कि ममता बनर्जी की प्रेस कॉन्फ्रेंस (जिसमें उन्होंने भाई को फटकारा) के बाद बाबुन बनर्जी ने फैसला बदल लिया। उन्होंने कहा- मैं दीदी से अधिक कुछ नहीं जानता हूं। वही मुझे सबकुछ बताती हैं। मुझे लगता है कि यह मेरे लिए ब्लेसिंग है। मैं अब निर्दलीय नहीं लड़ूंगा। मैं दीदी के लिए कुछ भी करूंगा।
इन सभी सीयासी घटनाओं ने ममता बनर्जी की बौखलाहट को बढ़ा दिया है। लोकसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस चारो ओर से फसती नजर आ रही है। अगर वो केंद्र सरकार के फैसलों को नकारती है तो वो खुद ही अपने चंगुल में फंस जाएगी। ऐसे में अब दीदी पश्चिम बंगाल में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए कौन सा खेला खेलती है उसपर पूरे देश की नजर टिकी हुई है।
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