रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब Pushpak Express के पहियों से धुआं निकलने लगा, जिससे यात्रियों के बीच आग लगने का भय पैदा हो गया। डर के मारे, यात्री ट्रेन से कूद पड़े और ट्रैक पर दौड़ने लगे। उसी समय, विपरीत दिशा से आ रही बेंगलुरु एक्सप्रेस ने इन यात्रियों को टक्कर मार दी, जिससे 8 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई।
केंद्रीय रेलवे के मुख्य प्रवक्ता स्वप्निल निला ने बताया, “पुष्पक एक्सप्रेस के कुछ यात्री ट्रेन से उतरे और सामने से आ रही कर्नाटका एक्सप्रेस से टकरा गए।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और घायल यात्रियों को समुचित चिकित्सा सुविधा देने का आदेश दिया है।
यह घटना एक गंभीर और त्रासदीपूर्ण उदाहरण है कि कैसे समय और स्थिति का सही आकलन न करने से जीवन की भारी कीमत चुकानी पड़ती है। हालांकि, यात्रियों को ट्रेन के भीतर सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है, लेकिन यह भी जरूरी है कि ट्रेन के संचालन से जुड़ी सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल को पूरी तरह से लागू किया जाए, ताकि ऐसे हादसे रोके जा सकें। रेल नेटवर्क में तकनीकी सुधार और जागरूकता अभियानों के माध्यम से ऐसे हादसों से बचा जा सकता है।इस हादसे ने एक बार फिर हमें यह याद दिलाया है कि सुरक्षा और सावधानी में ही हमारी भलाई है।
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