शनिवार सुबह केदारनाथ से गौचर के बीच भीमबली के पास एक बड़ा हादसा होते-होते बचा, जब वायुसेना का MI-17 हेलिकॉप्टर एक हेलिकॉप्टर को एयरलिफ्ट करते समय संतुलन खो बैठा। इस हेलिकॉप्टर को 24 मई को तकनीकी खराबी के कारण हेलीपैड पर खड़ा किया गया था, जिसे गौचर एयरबेस पर मरम्मत के लिए ले जाया जा रहा था।
यह हादसा सुबह करीब 8 बजे थारू कैंप घाटी के पास हुआ। केदारनाथ से गौचर के बीच वायुसेना का MI-17 हेलिकॉप्टर केस्ट्रल एविएशन के एक हेलिकॉप्टर को एयरलिफ्ट कर रहा था, जो पिछले तीन महीने से हेलीपैड पर खड़ा था।
जैसे ही वायुसेना का MI-17 हेलिकॉप्टर एयरलिफ्ट की प्रक्रिया में था, हवा के असर और हेलिकॉप्टर के वजन ने संतुलन बिगाड़ दिया। स्थिति को भांपते हुए, पायलट ने तुरंत कार्रवाई की और हेलिकॉप्टर को सुरक्षित रूप से थारू कैंप घाटी में ड्रॉप कर दिया। इस साहसिक निर्णय ने बड़े नुकसान से बचाया।
24 मई को हेलिकॉप्टर की आपातकालीन लैंडिंग के बाद से यह हेलिकॉप्टर खराबी के कारण हेलीपैड पर खड़ा था। इसके मरम्मत की योजना बनाई गई थी, जिसके तहत इसे गौचर एयरबेस ले जाया जा रहा था। वायुसेना के अधिकारियों ने संभावित खतरे को देखते हुए इसे घाटी में ड्रॉप करने का निर्णय लिया, ताकि MI-17 हेलिकॉप्टर को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचे।
इस हेलिकॉप्टर में न तो कोई यात्री था और न ही कोई सामान, जिससे किसी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। 24 मई को जब यह हेलिकॉप्टर लहराने लगा था, उस समय इसमें तमिलनाडु के 6 श्रद्धालु सवार थे, जिनके नाम शिवाजी, उल्लूबैंकट चलम, महेश्वरी, सुन्दरा राज, सुमति, और मयूर बाघवानी थे।
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