महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म का एक बहुत बड़ा त्यौहार माना जाता है। इसको “शिव की महारात्रि” के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार विनाश और परिवर्तन के देवता शिवजी को समर्पित है। यह त्यौहार अत्यधिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। सिर्फ इतना ही नहीं, इसका वैज्ञानिक महत्व भी है।
क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि
कुछ-कुछ कहानियों में ऐसा बताया जाता है कि शिवरात्रि के दिन शिव-पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए उनके शुभ विवाह तिथि को मनाने के लिए महाशिवरात्रि मनाई जाती है। हालाँकि दूसरी कहानियों की माने तो इस दिन शिवजी लिंग के स्वरुप में प्रकट हुए थे। और उनके इसी निराकार रूप को और उनकी आध्यात्मिक शक्तियों को सम्मान देने के लिए और अपनी स्पिरिचुअल लाइफ को आगे बढ़ाने के लिए यह त्यौहार मनाया जाता है।
लेकिन, अगर इसका वैज्ञानिक कारण जानें तो महाशिवरात्रि की रात को पृथ्वी एक ऐसी स्थिति में होती है जिसमें एनर्जी फ्लो ऊपर की और होता है। यदि चक्रों की मदद से जानें तो हमारा जो मूलाधार चक्र होता है वह हमारी शक्ति होती है। और सबसे ऊपर वाला चक्र, यानी सहस्रार चक्र, उसे शिव तत्त्व कहा जाता है। तो अक्सर आम दिनों में शक्ति की एनर्जी शिव तत्त्व को जाकर मिलती है, यानी नीचे से ऊपर। लेकिन, महाशिवरात्रि के दिन शिव तत्व खुद नीचे आता है और शक्ति से मिलता है। इसलिए इस रात को जागरण करके हमारी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने के लिए कहा जाता है। रीढ़ की हड्डी सीधी रहेगी तभी यह शिव तत्त्व और सारी कॉस्मिक एनर्जी हमारे ऊपर के ऐन्टेना से हमारे अंदर प्रवेश कर पाएगी।
इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च की कृष्णा पक्ष की 14वीं तिथि को मनाई जायेगी। यह रात काफी ख़ास है। अगर आपको स्पिरिचुअल लाइफ को आगे बढ़ाने की इच्छा हो गई तो आप सफल हो पाएंगे।
कैसे मनाई जाती है अलग-अलग देशों में महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि एक हिन्दू त्यौहार है। लेकिन, हिन्दू सिर्फ भारत में ही नहीं है, वह पूरे विश्व में फैले हुए है। इसलिए आज हम इस लेख में उन देशों में मनाई जाने वाली शिवरात्रि के बारे में जानेंगे जहां हिन्दू भारी संख्या में मौजूद हैं।
- नेपाल
नेपाल एक ऐसा देश है जहाँ भारत के अलावा हिन्दू धर्म के लोग मेजोरिटी में हैं। नेपाल में, महाशिवरात्रि को नेशनल हॉलिडे घोषित किया जाता है, और इसका बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर में दुनिया भर से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। तीर्थयात्री भगवा पोशाक पहने मंदिर परिसर के बाहर इकट्ठा होते हैं, और भगवान पशुपतिनाथ को समर्पित प्रार्थना, भजन और मंत्रोच्चार में संलग्न होते हैं। त्यौहार का मुख्य आकर्षण महाध्वजारोहण है, एक भव्य जुलूस जहां मंदिर के ऊपर एक विशाल झंडा फहराया जाता है। भक्तों का मानना है कि इस अनुष्ठान में भाग लेने से उनकी आत्मा शुद्ध होती है और वे शिव के दिव्य आशीर्वाद के करीब आते हैं। - मॉरिशस
मॉरीशस के गंगा तालाब में सागर शिव मंदिर में इस त्योहार के दौरान भक्तों की भीड़ देखी जाती है। तीर्थयात्री पवित्र झील गंगा तलाव से पानी के बर्तन लेकर मंदिर तक एक चुनौतीपूर्ण पदयात्रा करते हैं। एक बार मंदिर में प्रवेश करने के बाद वे भगवान शिव को दूध, फल और फूल चढ़ाते हैं। उस वक़्त वातावरण आध्यात्मिक मंत्रों, भक्ति गीतों और भक्तों के बीच एकता की भावना से भर जाता है। - इंडोनेशिया
बाली, इंडोनेशिया में, महाशिवरात्रि को “पगेरवेसी” के नाम से जाना जाता है और बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार नकारात्मक प्रभावों के खिलाफ किसी की आध्यात्मिक किलेबंदी को मजबूत करने का प्रतीक है। भक्त अपने घरों और मंदिरों को जटिल फूलों की सजावट और रंगीन बैनरों से सजाते हैं। वे भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए प्रार्थना करते हैं, अगरबत्ती जलाते हैं और ध्यान करते हैं। उत्सव में बाली की अनूठी सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करते हुए पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन और संगीत भी शामिल है।
इनके अलावा श्रीलंका, मलेशिया, म्यांमार और बांग्लादेश में भी शिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। हालाँकि यहाँ कोई ख़ास विधियों के ज़रिये नहीं, बल्कि साधारण विधियों या जो हर शिवरात्रि को विधियां होती है उन्हीं से पूजा की जाती है।
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