आत्मनिर्भर भारत के तहत भारतीय रेलवे अब ‘मेड इन इंडिया’ बुलेट ट्रेन लाने की तैयारी कर रहा है। अहमदाबाद से मुंबई के बीच 508 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर यह बुलेट ट्रेन अधिकतम 280 किमी प्रति घंटे और ऑपरेशनल स्पीड 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। यह परियोजना जापन द्वारा बुलेट ट्रेन के उपकरणों की आपूर्ति में देरी के चलते शुरू की गई है।
866 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी बुलेट ट्रेन
भारतीय रेलवे ने देश में ही बुलेट ट्रेन बनाने की योजना बनाई है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, हाल ही में नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन ने इस प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखा। प्रस्ताव के तहत, 866 करोड़ रुपये की लागत से ‘मेड इन इंडिया’ बुलेट ट्रेन तैयार होगी। इस बुलेट ट्रेन को 2023 से 2033 के बीच लॉन्च किया जाएगा, जबकि जापानी बुलेट ट्रेन के संचालन की योजना 2033 से है।
प्रति कोच 27.86 करोड़ रुपये का खर्च
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण कार्य सरकारी कंपनी BEML (Bharat Earth Movers Limited) को सौंपा गया है। भारतीय बुलेट ट्रेन के प्रति कोच का निर्माण 27.86 करोड़ रुपये की लागत से होगा। इसके मुकाबले जापानी बुलेट ट्रेन के प्रति कोच की लागत 46 करोड़ रुपये तक आंकी गई है।
गुजरात में होगा भारतीय बुलेट ट्रेन का परीक्षण
भारतीय बुलेट ट्रेन का परीक्षण गुजरात के बिलिमोरा और सूरत के बीच 50 किमी लंबे ट्रैक पर किया जाएगा। भारतीय रेलवे इस कॉरिडोर पर दो तरह की सेवाएं चलाने की योजना बना रहा है:
रैपिड ट्रेन सेवा – यह ट्रेन केवल सूरत और वडोदरा में रुकेगी और अहमदाबाद से मुंबई का सफर महज 2 घंटे 7 मिनट में पूरा करेगी।
स्लो ट्रेन सेवा – यह ट्रेन अन्य स्टेशनों पर भी रुकेगी और 2 घंटे 58 मिनट में यात्रा पूरी करेगी।
प्रतिदिन चलेंगी 70 ट्रेनें
रेलवे ने इस कॉरिडोर पर प्रतिदिन 70 ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई है। इसमें दोनों दिशाओं में 35-35 ट्रेनें चलेंगी। पीक आवर्स में हर घंटे तीन ट्रेनें चलेंगी, जबकि ऑफ-पीक आवर्स में हर घंटे दो ट्रेनें उपलब्ध होंगी। प्रत्येक ट्रेन में 10 से 16 कोच होंगे, जिनमें 1300 से 1600 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी।
भारत की प्रगति का प्रतीक बनेगी ‘मेड इन इंडिया’ बुलेट ट्रेन
‘मेड इन इंडिया’ बुलेट ट्रेन न केवल आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगी, बल्कि भारतीय रेलवे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने का काम करेगी। यह परियोजना न केवल परिवहन क्षेत्र में क्रांति लाएगी, बल्कि रोजगार और तकनीकी विकास के अवसर भी प्रदान करेगी।
भारतीय बुलेट ट्रेन परियोजना देश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और इसे भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है।
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