CATEGORIES

March 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31  
Monday, March 31   3:52:04

सूटकेस में बंद हुई मोहब्बत ; जब प्यार ने पहना खून का लिबास

बेंगलुरु में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 36 वर्षीय सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल ने अपनी पत्नी की चाकू घोंपकर हत्या कर दी और शव को ट्रॉली बैग में भरकर छिपाने की कोशिश की। इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।

हत्यारा पति, सूटकेस में छिपाया शव

दक्षिण-पूर्व बेंगलुरु के डोड्डानेकुंडी गांव में अंबेडकर अपार्टमेंट के पास एक सूटकेस में 32 वर्षीय गौरी खेडेकर का शव मिला। पुलिस के अनुसार, महिला की गर्दन और पेट पर चाकू के कई वार किए गए थे। आरोपी पति की पहचान राकेश राजेंद्र खेडेकर के रूप में हुई है, जो घटना के बाद फरार हो गया था।

खुद किया गुनाह कबूल

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि हत्या के बाद राकेश ने खुद अपने सास-ससुर को फोन कर हत्या की जानकारी दी। माता-पिता ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद जांच शुरू हुई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

फरार आरोपी पुणे से गिरफ्तार

हत्या के बाद आरोपी ने बेंगलुरु से भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस कर पुणे से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को अब पूछताछ के लिए बेंगलुरु लाया जा रहा है।

क्यों हुई इतनी खौफनाक घटना?

फिलहाल पुलिस पति-पत्नी के संबंधों और हत्या के पीछे के कारणों की जांच कर रही है। गौरी ने मास मीडिया में स्नातक की पढ़ाई की थी, जबकि राकेश एक निजी फर्म में काम करता था और वर्क फ्रॉम होम कर रहा था। शादी के बाद दोनों बेंगलुरु में रहने लगे थे।

हिंसा की जड़ में क्या?

यह घटना न केवल वैवाहिक रिश्तों में बढ़ती हिंसा को उजागर करती है, बल्कि समाज में गहराते मानसिक तनाव और असहिष्णुता की ओर भी इशारा करती है। घरेलू हिंसा के मामले अक्सर चुपचाप दबा दिए जाते हैं, लेकिन जब वे सामने आते हैं, तो उनकी भयावहता समाज को हिला देती है।

जरूरत है कठोर कानूनों और सामाजिक जागरूकता की

ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून को और अधिक सख्त बनाया जाना चाहिए। इसके साथ ही, लोगों को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करने की आवश्यकता है। रिश्तों में समस्याओं को बातचीत और परामर्श के माध्यम से सुलझाने का प्रयास किया जाना चाहिए, न कि हिंसा का सहारा लिया जाए।

बेंगलुरु की इस घटना ने फिर साबित कर दिया है कि घरेलू हिंसा के प्रति समाज को और अधिक सतर्क होने की जरूरत है। हर रिश्ते में संवाद और सहिष्णुता ही स्थिरता का आधार हो सकता है।