गुजरात के जाने माने और बेहद ही खूबसूरत कवि पद्मश्री दादुआन प्रताप दन गढ़वी जी का निधन कल यानी की 26 अप्रैल, 2021 को हो हुआ था। कवि दाद का जन्म साल 1941 मेंं हुआ था और उनकी उम्र 82 वर्ष थी जब उनका निधन हुआ।
कवि दाद के दुखद निधन से, साहित्य की दुनिया में बहुत नुकसान हुआ है।
उनके अलावा उनके पिता जी प्रताप दान गढ़वी जूनागढ़ के नवाबों के शाही कवि थे। उनकी कविताओं और छंद से प्रसन्न होकर जूनागढ़ के नवाबों ने उन्हें उपहार के तौर पर वेरावल के ईश्वरीय और सपर गांव दे दिया था।
कवि दादूदन गढ़वी को जनवरी 2021 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। केवल चार पुस्तकों को पढ़ने के बावजूद, चरण समाज को कवि दाद के पद्मश्री प्राप्त करने पर गर्व था, जिन्होंने साहित्य की दुनिया में एक महान योगदान दिया था। उन्होंने अपनी 50 साल की साहित्यिक यात्रा में 15 से अधिक फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं, जिनमें
रानवघन, सम्पूर्ण रामायण, लाखा लोयान, भगत गोरो कुंभार जैसी फिल्में भी शामिल हैं। उन्हें कई सारे पुरुस्कारों से नवाजा गया है जैसे की मेघानी साहित्य पुरस्कार, कवि दुला काग पुरस्कार, हेमू गढ़वी पुरस्कार।
अंतः उनके जाने से साहित्य की दुनिया को बहुत बड़ा नुकसान तो पहुंचा है मगर उनके महान कामों में वो सबके लिए हमेशा जिंदा ही रहेंगे।
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