CATEGORIES

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
Tuesday, January 7   8:11:30

Kumbhalgarh Fort History: कुम्भलगढ़ किले का हैरान करने वाला सच

राजस्थान की धरती पर स्थित कुम्भलगढ़ का किला न केवल स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि इसके पीछे छिपे रहस्यमय तथ्य भी इसे और अधिक रोमांचक बनाते हैं। यह किला सिर्फ एक ऐतिहासिक धरोहर नहीं, बल्कि राजस्थान की शौर्यगाथाओं और गौरवशाली संस्कृति का सजीव प्रतीक है। तो आइए जानते हैं इस किले के हैरान करने वाले सच।

1. दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार

जब चीन की ग्रेट वॉल का ज़िक्र होता है, तो शायद ही किसी को याद आता हो कि भारत में भी एक अद्भुत दीवार है। कुम्भलगढ़ किले की दीवार 36 किलोमीटर लंबी है और इसे “ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया” कहा जाता है। इसकी चौड़ाई इतनी है कि एक समय में 8 घोड़े एक साथ दौड़ सकते थे। इसे बनाने में 15वीं सदी के स्थापत्य कौशल का बेजोड़ उदाहरण देखने को मिलता है।

2. मेवाड़ के गौरव महाराणा प्रताप का जन्मस्थान

कुम्भलगढ़ न केवल एक किला है, बल्कि यह उस महापुरुष का जन्मस्थान है, जिसने हल्दीघाटी के युद्ध में अपनी वीरता से इतिहास रच दिया। महाराणा प्रताप, जो मेवाड़ के गौरव हैं, यहीं पैदा हुए थे। यह किला उनके बचपन की कहानियों का मूक साक्षी है।

3. अजेयता का प्रतीक

इतिहासकार बताते हैं कि यह किला अपने समय में अजेय था। दुश्मन कितनी भी बड़ी सेना लेकर आया हो, इस किले को जीतना लगभग असंभव था। यह अपनी रणनीतिक स्थिति और मजबूत दीवारों के कारण हर आक्रमण से बचा रहा।

4. रहस्यमयी निर्माण कथा

इस किले के निर्माण की कहानी भी रहस्यमयी है। कहा जाता है कि जब महाराणा कुम्भा इस किले का निर्माण करवा रहे थे, तब दीवारें बार-बार गिर जाती थीं। तब एक संत ने बलिदान की आवश्यकता बताई। उनकी आज्ञा से एक स्थानीय व्यक्ति ने स्वयं का बलिदान दिया, और आज भी उस स्थान पर उनका स्मारक देखा जा सकता है।

5. मंदिरों की भरमार

कुम्भलगढ़ के अंदर 300 से अधिक प्राचीन मंदिर हैं। इनमें से अधिकांश जैन मंदिर हैं, जबकि कुछ हिंदू मंदिर भी हैं। यह स्थान कला और धर्म का अद्भुत संगम है।

6. प्रकृति और स्थापत्य का अद्भुत संगम

अरावली की पहाड़ियों पर बसा यह किला प्राकृतिक और स्थापत्य का अद्वितीय मेल है। किले की ऊंचाई से पूरे मेवाड़ का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। सूरज की पहली किरण जब किले पर पड़ती है, तो यह दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।

7. सांस्कृतिक धरोहर में UNESCO की पहचान

2013 में, कुम्भलगढ़ किले को UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया। यह किला न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अनोखी बनावट और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

कुम्भलगढ़ का आकर्षण आज भी जिंदा है

आज यह किला न केवल इतिहास प्रेमियों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। हर साल हजारों लोग इसकी भव्यता और रहस्यमयता को देखने आते हैं। किले में आयोजित लाइट एंड साउंड शो इसके इतिहास को जीवंत कर देता है और हर दर्शक को समय में पीछे ले जाता है।

कुम्भलगढ़ किला न केवल एक इमारत है, बल्कि यह इतिहास, वीरता और वास्तुकला का एक ऐसा खजाना है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। अगर आपने इसे अब तक नहीं देखा है, तो इसे अपनी बकेट लिस्ट में जरूर शामिल करें।

क्या आप तैयार हैं इस ऐतिहासिक यात्रा के लिए?