राजस्थान अपने फोक सॉन्ग, अपने कपड़ों और अपने फेस्टिवल्स के कारण मशहूर है। लोग यहाँ पर आकर इस राज्य को एक्स्प्लोर करने में बहुत दिलचस्पी रखते हैं। जहाँ एक तरफ राजस्थान के सुंदर महल और विशाल रेगिस्तान देखने को मिलते हैं, तो वहीँ दूसरी तरफ भयानक कहानियां भी सुनने को मिलती हैं।
आज हम आपको ऐसी ही एक जगह की कहानी सुनाएंगे, जिसका नाम सामने आते ही लोगों के होश उड़ जाते हैं। उनकी रूहें कांप उठती है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के कुलधारा गाँव की। कुलधारा गाँव जैसलमेर से 17 किमी की दूरी पर स्थित है। अब यह गाँव ASI के अंदर आता है। यहाँ घूमने के लिए आपको एक टिकट लेना पड़ता है।
यह गाँव सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुला होता है। रात के समय यहाँ किसी को भी रुकने की इजाज़त नहीं है। माना जाता है कि इस गांव के लोगों ने इसे एक रात में ही खाली कर दिया था। और आज भी यहाँ पर कुछ अजीब सी चीज़ें महसूस होती है। लेकिन ऐसा क्यों? आखिर क्या है इस गाँव के खाली होने की कहानी?
गाँव की कहानी
कहा जाता है कि इस गाँव में पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे। उस ज़माने में यहाँ का राजा सलीम सिंह था। कहते हैं कि सलीम सिंह का दिल गाँव के मुख्या की बेटी पर आ गया था। उसने मुख्या से कहा था कि उन दोनों की शादी करवा दी जाए। हालाँकि ऐसा हुआ नहीं। उस दिन गाँव के एक मंदिर में एक बैठक बिठाई गई और इस मुद्दे पर बात हुई। दरअसल सलीम सिंह ने कहा था कि अगर उसकी शादी उस लड़की से नहीं करवाई गई तो वह यहाँ के टैक्स बढ़ा देगा। अगर ऐसा होता तो एक लड़की के बजाए सभी गाँव वालों की ज़िंदगियाँ तबाह हो जाती। और सबको यह बात पता थी कि सलीम सिंह हैवान है। अगर उसकी मर्ज़ी के खिलाफ जाते तो भुगतना पड़ता।
उस बैठक में फिर लड़की से पूछा गया कि वह यह बलिदान देने को तैयार है। उस लड़की ने गाँव को बचाने के लिए हाँ तो बोल दिया लेकिन गाँव वाले नहीं माने। उनके अंदर की ममता जाग गई और उन्होनें फैसला किया कि बेटी की जिंन्दगी को नर्क बनाने से अच्छा है वह लोग गाँव ही खाली कर दें। उसके बाद तुरंत लोगों ने गाँव को खाली करने की तैयारियां शुरू कर दी। एक साथ तक़रीबन 85 गाँव उस रात खाली कर दिए गए।
लेकिन, एक साथ एक ही रात में सब खाली करना था तो गाँव में भारी भसड़ मची हुई थी। भसड़ का शोर सलीम तक पहुँच गया। उसे जैसे ही इस बात की खबर मिली वह तुरंत गांव में आया और घरों को जलाना शुरू कर दिया। हालाँकि काफी लोग गाँव से बहार जा चुके थे, लेकिन जो लोग बचे उनकी दर्दनाक मौत हुई। सलीम उसके बाद बची हुई ज़िंदा लड़कियों को अपने साथ ले गया था। गाँव के मुख्या की लड़की अपनी बहनों को बचाने के लिए वापस आती है, लेकिन फिर कभी इस गाँव से निकल नहीं पाती।
जब गाँव के लोगों ने इसे खाली किया था तो जाते वक़्त उन्होनें एक ऐसा श्राप दिया था जिसको आज भी कुलधारा भुगत रहा है। उन्होनें श्राप दिया था कि आज के बाद कोई भी इस गाँव में नहीं बस पाएगा। और आज भी यह गाँव एक खंडर ही है। उस दिन के बाद कोई भी इस गाँव में नहीं बस पाया।
हालाँकि इस गाँव को एक ही रात में खाली कर देने के पीछे की और भी वजह बताई जा रही है। कुछ कहते हैं कि सूखा पड़ जाने के कारण लोगों ने इसे खाली कर दिया, तो कुछ कहते हैं कि एक भूकंप की वजह से पूरा गाँव तबाह हो गया था। कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि सलीम द्वारा करों का बढ़ा देना ही एक मुख्य वजह थी यह गाँव के खाली होने की।
आज भी अगर कोई इस गाँव में जाता है तो उन्हें एक भारीपन महसूस होता है। लगता है जैसे कोई उनके आसपास खड़ा है। गर्दन पर एक हलकी सी गुदगुदी महसूस होती है। ऐसा भी प्रतीत होता है मानो यहाँ कि हवा और ज़मीन हमें एक उनकही कहानी बताना चाहती हो। कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें यहाँ एक लड़की के रोने की और कुछ बच्चों की आवाज़ें भी सुनाई देती है। अगर कभी जैसलमेर की तरफ जाना हुआ तो एक बार इस गाँव को ज़रूर देखना।
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