CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Thursday, November 7   7:39:29

लोकतंत्र के मंदिर की सुरक्षा में सेंध, जानिए कहां हुई बड़ी चूक

करीब 1200 करोड़ की लागत से बनी और देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली नई संसद भवन में बुधवार को उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब दो युवक संसद की कार्यवाही के बीच में अचानक कूद पड़े और केन के जरिए पीले रंग का धुआं फैला दिया। इस भयावह घटना के बाद हर कोई सरकार की बड़ी लापरवाही बता रहा है। इस लेख में हम आपको इस घटना से जुड़ीं ऐसी बाते बताने जा रहे हैं जिसपर शायद ही किसी ने गौर किया हो। इसके साथ ही हम बताएंगे की घटना में शामिल आरोपियों का कच्चा चिठ्ठा क्या है।

आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज

नई संसद भवन में बुधवार को हुई घटना के संबंध में दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है। दरअसल, यूएपीए की धारा 16 में आतंकवादी कृत्य को परिभाषित किया गया है और इसमें आतंकी घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए सजा का प्रावधान है।

आरोपियों का कच्चा चिट्ठा

जो दो लोग लोकसभा में दर्शक दीर्घा से कूंदें थे उनकी पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के तौर पर की गई है। जब लोकसभा के अंदर ये घटना हो रही थी उसके कुछ वक्त पहले संसद भवन के बाहर एक पुरुष और एक महिला द्वारा केन से रंगीन गैस स्प्रे कर नारे लगाए गए। उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों की पहचान अमोल शिंदे और नीलम देवी के रूप में की गई है। वहीं दो अन्य आरोपियों की पहचान विक्की शर्मा और उसकी पत्नी वृंदा को पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। ललित झा नाम के एक युवक को पुलिस तलाश रही है जो संसद भवन और उसके बाहर हंगामा करने वाले सभी आरोपियों के मोबाइल फोन लेकर फरार हो गया।

पहला आरोपी- सागर शर्मा

सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है। 12वीं उत्तीर्ण सागर ई-रिक्शा चलाता है। उसके पिता कारपेंटर है। सागर एक साधारण परिवार से नाता रखता है। सागर तीन दिन पहले मां से ये कह कर घर से दिल्ली आया था की वो प्रदर्शन करने के लिए जा रहा है।

दूसरा आरोपी – मनोरंजन डी

मनोरंजन डी कर्नाटक का रहने वाला है। वो पेशे से इंजीनियर है। इसी के द्वारा संसद भवन के अंदर धुएं का डिब्बा फेंका गया था। सभी आरोपी एक-दूसरे को पहले से जानते थे। वे लगातार संपर्क में थे। दोनों ने मिलकर धुएं के डिब्बे को जलाने की साजिश रची थी।

तीसरी आरोपी – नीलम

नीलम हरियाणा के हिसार की रहने वाली थी जो सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थी। उसके पिता मिठाई की दुकान चलाते हैं। वह किसान आंदोलन में भी काफी सक्रिय थी।

चौथा आरोपी – अनमोल शिंदे

अमोल धनराज शिंदे महाराष्ट्र का रहने वाला है। वह लातूर के चाकूर तालुका के नवकुंडझरी गांव का मूल निवासी है। अमोल बीए ग्रेजुएट है। 25 वर्षीय अमोल शिंदे अनुसूचित जाति समुदाय से हैं। उसके घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। माता-पिता और दो भाई भी दिहाड़ी मजदूर हैं। एक भाई मुंबई के पास पनवेल में काम करता है। अमोल सेना और पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा था। वह 9 दिसंबर को परिजनों से सेना में भर्ती होने की बात कहकर गया था।

इस घटना में आश्चर्य की बात ये है कि धुएं वाला केन इतनी सिक्योरिटी के बाद अंदर कैसे पहुंचा। यदि ये जूते में छिपा हुआ था तो इसे निश्चित रूप से डीएफएमडी (टोरफ्रेम मेटल डिटेक्टर) में पकड़ा जाना चाहिए थे। हालांकि चूक के पीछे सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक यह है कि 2004 के बाद से संसद के सुरक्षा उपरण नहीं खरीदे गए हैं। यानि कि अभी जो टूल्स उपयोग किए जा रहे हैं वे 19 साल पुराने हैं। वहीं स्टाफ में 10 साल से नई भर्ती नहीं हुई है। सिक्योरिटी गार्ड के लगभग 150 पद खाली हैं। वहीं नई संसद में दर्शक दीर्घा की हाइट लगभग 6 फीट की है जहां से कोई भी आसानी से नीचे कूद सकता है। इसमें ज्यादा कोई स्क्योरिटी नहीं है।

चूंक क्यो हुई इसका जवाब वक्त आने पर आएगा। मीडिया के द्वारा लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं कि संसद में घुसने वाले कौन थे। लेकिन, ये कोई नहीं पूछ रहा कि संसद में इतनी बड़ी सुरक्षा में चूंक कैसे हुई कि दर्शक दीर्घा से दो लोग कार्यवाही के दौरान बीच में हंगामा मचाने लगे।

सुरक्षा: नई संसद और पुरानी संसद में अंतर

नई संसद में दर्शकों और आगंतुकों की तलाशी का जिम्मा दिल्ली पुलिस के पास हैं। वहीं पुरानी संसद में ये संसदीय सुरक्षा गार्डों द्वारा किया जाता था जो दर्शकों की फिजिकल एक्टिविटी और संदिग्ध इशारों की पहचान करने में माहिर थे। नई संसद में दर्शकों पर नजर रखने के लिए सीआरपीएफ के जवानों को सिविल ड्रेस में तैनात किया गया है, उन्हें इस काम के लिए कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है।

संसद भवन के उद्धघाटन के वक्त मीडिया बार-बार बता रहा था कि नए संसद की सुरक्षा उच्चतम स्तर की है इतना पैसा खर्च हुआ और मामूली रूप से योजना बना कर ये लोग लोकसभा में घुस गए घटना देखने से तो इतनी ही लगती है, लेकिन यकीन नहीं होता उम्मीद है कि पुलिस और संसदीय कार्यमंत्री और साथ साथ गृह मंत्री की ओर से इस सवालों पर विस्तार से जवाब आएगा। उधर विपक्ष के इंडिया अलाइस के सदस्य गृह मंत्री से जवाब चाहते थे जवाब नहीं मिला तो संसद से वॉक आउट कर गए।