नवरात्री भारत का एक महत्त्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है। इसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हमें चैत्र नवरात्री और शारदीय नवरात्री के बारे में तो पता ही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माघ के महीने में भी एक नवरात्री आती है जिसे गुप्त नवरात्री कहते हैं। इस साल यह गुप्त नवरात्री 10 फरवरी यानी आज से शुरू होकर 18 फरवरी तक चलने वाली है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है
क्या है गुप्त नवरात्री
गुप्त नवरात्रि माता दुर्गा की पूजा तंत्र साधना और मनोकामना पूर्ति के लिए की जाती है। गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से ही साधना की जाती है यानी भक्त मां की इस प्रकार साधना करते हैं जिससे किसी को पता न चले। ऐसा करने से माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इनमें 9 दिन तक मां दुर्गा की तंत्र साधना व तंत्र सिद्धि की जाती है। इस नवरात्री में हम माँ दुर्गा के 10 महाविद्या रूप की पूजा करते हैं।
कैसे कर सकते हैं हम इस नवरात्री में पूजा
यह गुप्त नवरात्री है यानी जो भी आपको साधना करनी है वह गुप्त रूप से करनी है। गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक, अघोरी तंत्र मंत्र और अघोरी सिद्धि प्राप्त करते हैं। वहीं गृहस्थ जीवन वाले मां दुर्गा की सामान्य तरीके से पूजा अर्चना कर सकते हैं। सुबह ब्रह्ममुहूर्त यानी 3:30 बजे उठकर आपको गंगाजल से स्नान करना है। उसके बाद जो भी आपकी इच्छा है या साधना है उसे गुप्त रूप से माँ के आगे रखना है। फिर साधना करने के लिए आप अपने सामने एक दीपक जलाएं और एक पानी से भरा लोटा रखें। ध्यान करते समय आप उस दिन जिस महाविद्या रूप का दिन है, उनका मंत्र जाप करें। पर ध्यान रहे कि मंत्र का उच्चार एकदम सही होना चाहिए नहीं तो अवगति की जगह दुर्गति हो सकती है। अगर मंत्र जाप में दिक्कत हो रही हो तो केवल दुर्गा चालीसा का पाठ करें। साधना पूर्ण होने पर उस लोटे में से जल ग्रहण करें जिससे माँ दुर्गा का आशीर्वाद और उनकी शक्ति आपके अंदर आ जाएगी। पर ध्यान रहे कि जहाँ आपने पहले दिन बैठके साधना की, उसी जगह बाकी के दिन करनी है।
कौन से हैं 10 महाविद्याएं
देवी के 10 महाविद्याएं बहुत ही शक्तिशाली और असीम ऊर्जा से भरी हैं और जिस भक्त पर कृपा कर देती हैं, उनके लिए संसार में कुछ भी असंभव नहीं रह जाता है। देवी की ये दस महाविद्याएं हैं- माता काली देवी, तारा (देवी), माता छिन्नमस्ता देवी, माता षोडशी देवी, माता भुवनेश्वरी देवी, माता त्रिपुर भैरवी (त्रिपुर सुंदरी), माता धूमावती देवी, माता बगलामुखी देवी, माता मातंगी देवी और माता कमला देवी।
गुप्त नवरात्री साल में दो बार आती है। गुप्त नवरात्री में माँ दुर्गा की साधना करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है। इसलिए गुप्त रूप से आपकी सारी परेशानियों का हल पाने के लिए माँ की साधना करें।
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