रोहतक में हाल ही में एक 19 वर्षीय लड़की की ऑनलाइन वीडियो देखकर वॉटर फास्टिंग करने से मौत हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़की ने लंबे समय तक सिर्फ पानी पीकर उपवास किया, जिससे उसके शरीर में गंभीर पोषण की कमी हो गई और उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना ने वॉटर फास्टिंग के खतरों और सही जानकारी के अभाव में इसके दुष्प्रभावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है वॉटर फास्टिंग?
वॉटर फास्टिंग एक उपवास पद्धति है, जिसमें व्यक्ति केवल पानी पीता है और कोई अन्य आहार ग्रहण नहीं करता। इसे वजन घटाने, शरीर को डिटॉक्स करने और स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए अपनाया जाता है। हालांकि, बिना डॉक्टर की सलाह के इसे अपनाना जानलेवा हो सकता है।
गलत वॉटर फास्टिंग के खतरे
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि वॉटर फास्टिंग को सही तरीके से नहीं किया जाए, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे:
डिहाइड्रेशन – शरीर में पानी और जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी।
हाइपोग्लाइसीमिया (शुगर की कमी) – दिमाग और शरीर को ऊर्जा नहीं मिलती।
मांसपेशियों का कमजोर होना – शरीर ऊर्जा के लिए मांसपेशियों को ब्रेकडाउन करने लगता है।
ब्लड प्रेशर में गिरावट – चक्कर आना और बेहोशी जैसी समस्याएं।
अत्यधिक कमजोरी और अंगों पर असर – लंबे समय तक भोजन न करने से शरीर के अंग कमजोर होने लगते हैं।
सही तरीका क्या है?
वॉटर फास्टिंग शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।
24 से 48 घंटे से अधिक वॉटर फास्टिंग न करें।
फास्टिंग के दौरान इलेक्ट्रोलाइट्स, नींबू पानी या हल्का सूप लेना जरूरी है।
अचानक लंबी अवधि का वॉटर फास्टिंग न करें, बल्कि धीरे-धीरे इसे अपनाएं।
फास्टिंग के बाद हल्का और पौष्टिक आहार लें।
ऑनलाइन ट्रेंड से बचें
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर दिखाए गए वॉटर फास्टिंग ट्रेंड को आंख मूंदकर फॉलो करना खतरनाक हो सकता है। बिना सही जानकारी और शरीर की जरूरत को समझे ऐसे उपवास अपनाना जानलेवा साबित हो सकता है।

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