किसान आंदोलन का मंगलवार (27 फरवरी) को 15वां दिन हैं। दिल्ली कूच 29 फरवरी तक टालने के बाद किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं।
इस दौरान आंदोलन की अगुआई कर रहे किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की अलग-अलग नेशनल लेवल की मीटिंग होगी। जिसमें दिल्ली कूच पर चर्चा होगी। इसके बाद परसों (28 फरवरी) को दिल्ली कूच पर फाइनल फैसला लिया जाएगा।
किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के सरवण पंधेर ने कहा कि केंद्र और पंजाब के कुछ अफसर कह रहे हैं कि हरियाणा पुलिस पर FIR को लेकर केंद्र-किसानों की वार्ता टूटी है। मगर, ऐसा नहीं है। बातचीत कॉन्ट्रैक्ट बेस खेती के प्रस्ताव से टूटी है, हम MSP गारंटी कानून मांग रहे हैं। इसी वजह से वार्ता में अड़ंगा लगा है।
पंधेर ने कहा की बीते दिन उनके आंदोलन को पूरे देश में समर्थन मिला है। भारत के इतिहास में पहली बार आदिवासियों ने नाच गा कर और पैदल चल कर उन्हें समर्थन दिया।
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