CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Thursday, November 21   4:29:03

कनाडा में हिंदू मंदिर में खालिस्तानियों का हमला: क्या यह सोची-समझी साजिश है?

कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को हिंदू मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा किया गया हमला एक नई सुरक्षा चिंता को जन्म देता है। हमलावरों ने खालिस्तानी झंडे थामे हुए थे और श्रद्धालुओं पर लाठी-डंडों से हमला किया। इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है, जिससे स्थानीय समुदाय में आक्रोश और तनाव बढ़ गया है।

कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि “ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई यह हिंसा अस्वीकार्य है। हर कनाडाई को अपने धर्म का पालन स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से करने का अधिकार है।” इसके बावजूद, इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा के प्रति गहरी चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं।

रीजनल पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल की तैनाती की है। पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है, जबकि भारतीय उच्चायोग ने इसे जानबूझकर की गई हिंसा करार दिया है। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि इस हमले का उद्देश्य भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालना है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह हमला 1984 के सिख विरोधी दंगों की सालगिरह के संदर्भ में हो सकता है, जब खालिस्तानी समर्थकों ने प्रोटेस्ट करते हुए मंदिर में घुसकर हिंसा की। पिछले कुछ समय से कनाडा में हिंदू मंदिरों और समुदायों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे भारतीय समुदाय में असुरक्षा की भावना व्याप्त है।

विपक्षी नेता पियरे पोलिवरे ने इन हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “कनाडा के सभी लोगों को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। ऐसी हिंसा का कोई स्थान नहीं है।” वहीं, ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने धार्मिक स्वतंत्रता को कनाडाई मूल्यों का आधार बताते हुए किसी भी प्रकार की हिंसा की निंदा की।

यह घटना भारत और कनाडा के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है, जो पहले ही खालिस्तानी मुद्दों को लेकर गहराई में है। भारत सरकार का आरोप है कि कनाडा में कुछ राजनीतिक ताकतें भारत के खिलाफ नकारात्मक अभियान चला रही हैं।

इस प्रकार की हिंसा न केवल धार्मिक सहिष्णुता के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है, बल्कि यह एक सांप्रदायिक विभाजन की ओर भी इशारा करती है। हमें ऐसे तत्वों के खिलाफ खड़े होने की आवश्यकता है जो समाज में नफरत और हिंसा का प्रसार करते हैं। कनाडा सरकार को अपने देश में धर्मनिरपेक्षता और सामुदायिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।