केरल के वायनाड में तेज बारिश की वजह से सोमवार देर रात 4 अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड हुई। इसमें 4 गांव बह गए। घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी बह गईं। इस कुदरती आपदा में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है, 70 घायल लोग अस्पताल में हैं, जबकि 400 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है।
घटना देर रात 2 बजे की है।रेस्क्यू के लिए SDRF और NDRF की टीम मौके पर मौजूद है। कन्नूर से 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है। इसमें मेडिकल टीम भी शामिल है। इसके अलावा एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
वायनाड के 4 गांव- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की यह घटना हुई है। मौसम विभाग ने आज भी वायनाड के अलावा कोझिकोड, मल्लपुरम और कसारागोड में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। यानी आज भी यहां भारी बारिश होने की संभावना है। इसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ सकती है।
कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा
इस हादसे के बाद कई लोगों के मन में सवाल होगा आखिर इतनी बड़ी प्राकृतिक आपदा आई कैसे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि वायनाड के जिस मेप्पादी इलाके में बीते कुछ सालों में पेड़ों को बड़े पैमाने पर काटा गया है। इस वन क्षेत्र में बड़े वृक्षों को काटकर फसलें उगाने की कोशिशे हुई हैं। इसके चलते मिट्टी का क्षरण तेजी से हुआ और ये लैंडस्लाइड जैसी घटना हो गई। भेल ही कई दिनों से चल रही भारी बारिश से ये हादसा हुआ लेकिन ऐसे हादसों की भूमिका लंबे वक्स से हुए मिट्टी के क्षरण से ही तैयार हुई थी।
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