आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी का घोषणापत्र जारी किया और 15 चुनावी गारंटियों की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने 2020 में किए गए वादों को पूरा न कर पाने के लिए जनता से माफी मांगी। केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 महामारी और केंद्र सरकार की नीतियों के चलते उनकी सरकार की योजनाएं पूरी नहीं हो पाईं। हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगले पांच वर्षों में वे सभी अधूरे वादों को पूरा करेंगे।
केजरीवाल के अहम चुनावी वादे
केजरीवाल ने ऐलान किया कि दिल्ली में मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त शिक्षा, बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा और स्वास्थ्य सेवाएं, जैसे मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों में मुफ्त इलाज, जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सत्ता में आने पर इन सभी योजनाओं को बंद कर सकती है।
केजरीवाल ने जनता को आगाह करते हुए कहा कि यदि बीजेपी सत्ता में आई तो हर परिवार को प्रति माह लगभग 25,000 रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा, जो वर्तमान में आप सरकार की नीतियों के कारण बचता है। उन्होंने कहा कि अगर वोटिंग में ‘कमल’ का बटन दबाया गया तो दिल्ली में समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
वादे पूरे न होने पर माफी
यमुना की सफाई, दिल्ली की सड़कों को यूरोप जैसी बनाने और पानी की सुचारू आपूर्ति जैसे वादों को पूरा न कर पाने के लिए केजरीवाल ने जनता से माफी मांगी। उन्होंने स्वीकार किया कि बीते पांच सालों में उनकी सरकार इन कार्यों को पूरा करने में विफल रही। केजरीवाल ने कहा, “ढाई साल तक कोरोना महामारी के कारण काम ठप रहा और बाद में राजनीतिक षड्यंत्र के तहत हमें निशाना बनाया गया। लेकिन अब हमारी टीम फिर से तैयार है और हम अपने सभी वादे पूरे करेंगे।”
विपक्ष के तंज और आरोप
बीजेपी और कांग्रेस ने केजरीवाल की माफी को एक चुनावी हथकंडा बताया है। 25 जनवरी को बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल का कटआउट यमुना में डुबोते हुए तंज कसा कि मुख्यमंत्री ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी यमुना की स्थिति पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि केजरीवाल की ‘पेरिस जैसी दिल्ली’ केवल एक सपना ही रह गई है।
बीजेपी और कांग्रेस के वादे
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में दिल्ली के समग्र विकास का दावा किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पार्टी जनता के सुझावों के आधार पर नीतियां बनाएगी और झूठे वादे नहीं करेगी। वहीं, कांग्रेस ने जनता को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 500 रुपये में गैस सिलेंडर और मुफ्त राशन किट देने का वादा किया है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में मतदाताओं के सामने अब विकल्प स्पष्ट हैं। केजरीवाल अपनी नीतियों की निरंतरता और अधूरे वादों को पूरा करने के आश्वासन के साथ मैदान में हैं, जबकि विपक्ष उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है। जनता को यह तय करना होगा कि वे मुफ्त सुविधाओं को प्राथमिकता देते हैं या फिर नए नेतृत्व और विकास मॉडल को अपनाना चाहते हैं।
दिल्ली की 70 सीटों पर 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। कुल 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और इस बार मुकाबला दिलचस्प रहने की उम्मीद है।
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