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Tuesday, May 6   4:54:57
Ayurveda treatment

बच्चों के सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए घर में जरूर रखें ये आयुर्वेदिक औषधियां

बच्चों को अक्सर छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएँ होती रहती हैं, जिनके लिए घर में कुछ सुरक्षित और सरल अनुपान वाली आयुर्वेदिक औषधियाँ रखना लाभदायक हो सकता है। इन औषधियों के चूर्ण को स्वच्छ कांच की शीशी में सुरक्षित रखें, ताकि आपातकालीन स्थितियों में तुरंत उपयोग किया जा सके और बच्चों को शीघ्र राहत मिल सके।

1. अतिविषा (Aconitum heterophyllum):

अतिविषा, जिसे ‘अतीस’ भी कहा जाता है, बच्चों की विभिन्न बीमारियों में अत्यंत उपयोगी है। यह सर्दी-खांसी, उल्टी, दस्त, बुखार, और कृमि संक्रमण जैसी समस्याओं में प्रभावी है。

  • दस्त और उल्टी में: 2 ग्राम सूंठ और 1 ग्राम अतिविषा चूर्ण को एक चम्मच चावल के मांड के साथ मिलाकर बच्चे को दिन में एक बार पिलाएँ।

  • कीड़े (कृमि) की समस्या में: 2 ग्राम अतिविषा और 2 ग्राम वायविडंग का चूर्ण लेकर 1-1 ग्राम शहद के साथ चटाने से बच्चों के कृमि नष्ट हो जाते हैं।

  • बुखार में: अतिविषा की ज्वरनाशक क्रिया बुखार को कम करने में मदद करती है।

2. अकरकरा (Anacyclus pyrethrum):

अकरकरा एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है, जो मुख्यतः बच्चों की वाणी विकास और दंत समस्याओं में सहायक होती है।

  • बोलने में कठिनाई: यदि बच्चे को बोलने में कठिनाई हो या उच्चारण स्पष्ट न हो, तो अकरकरा और घोड़ावज का 1-1 ग्राम चूर्ण मधु (शहद) के साथ मिलाकर बच्चे की जीभ पर लगाएँ। इससे वाणी में सुधार होता है।

  • दांत निकलने में दर्द: दांत निकलते समय होने वाले दर्द या सूजन में अकरकरा, हल्दी और नमक मिलाकर गुनगुने पानी से कुल्ले कराना लाभदायक होता है।

सावधानियाँ:

  • इन औषधियों का उपयोग करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें।

  • निर्दिष्ट मात्रा का पालन करें; अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है।

  • यदि लक्षण बने रहते हैं या गंभीर हो जाते हैं, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।

इन आयुर्वेदिक औषधियों को घर में रखने से आप बच्चों की सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं का प्रारंभिक उपचार कर सकते हैं, जिससे उन्हें शीघ्र राहत मिल सकती है।