कोई भी कलाकार या सर्जक की कला की जब वाहवाही होती है तो उनके पीछे कई लोग, और जीवनसाथी का समर्पण होता है, पर उनके बारे में कोई नहीं जानता। ऐसे ही लोगों की बात लेकर प्रसिद्ध पत्रकार और लेखिका ज्योति उनडकट ने पुस्तक लिखी है,” सर्जक ना साथीदार”।
आर. आर. सेठ द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में अलग अलग क्षेत्र के सर्जक ,कलाकार के पीछे स्वयं को समर्पित करने वाले जीवनसाथी,और कई लोगो की भावनाओ,संघर्ष,की बात है इस पुस्तक में।सर्जक को लाड देकर उनको सानिध्य देकर उनकी कला में चार चांद लगाते है ये लोग।
इस पुस्तक की प्री बुकिंग आप इस link पर करवा सकते है।
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