पिछले कुछ महीनों में US में भारतीय विद्यार्थियों की मौत के हादसे बढ़ते नज़र आ रहे हैं। ऐसे में देश वासियों की और वहां पढ़ते बच्चों के घरवालों की चिंताएं भी बढ़ रही है। पिछले हफ्ते एक साथ 2 भारतीय विद्यार्थियों की मौत हुई थी। पीड़ित के परिवारजनों और बाकी की जनता ने सरकार को कई दफे यह बात समझाने की कोशिश की लेकिन सरकार की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया।
हालही में इस मुद्दे के ऊपर विदेश मंत्री S Jaishankar ने एक बयान दिया है। उन्होनें कहा कि यह सब घटनाओं का आपस में कोई कनेक्शन नहीं है। लेकिन फिर भी सरकार के लिए यह बड़ी चिंता का विषय है।
उन्होनें आगे कहा कि “जाहिर है, हर मामले में, जहां भी छात्रों के साथ कुछ भी दुर्भाग्यपूर्ण हुआ है, यह परिवार के लिए बड़ी त्रासदी है, और हमारे लिए एक बड़ी चिंता है। लेकिन, हमारे एंबेसी ने हर मामले को देखा है और वास्तव में वह सब जुड़े हुए नहीं है।”
उन्होनें एक छोटा सा एक्शन लेते हुए बताया कि वहां की भारतीय एंबेसी को निर्देश दिया गया है कि वे छात्रों के संपर्क में रहें, उनसे बातचीत करें और उन्हें शहरों के खतरनाक इलाकों से बचने के बारे में चेतावनी भी दें। उन्होनें बताया कि तकरीबन 11 से 12 लाख विद्यार्थी बाहर के विभिन्न देशों में रहते हैं। और छात्र कल्याण तो उनके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। साथ ही यह भी कहा कि बाहर जाने वाले हर भारतीय को मोदी की गारंटी है।
आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, उमा सत्य साई गद्दे नामक एक भारतीय छात्र ओहियो में मृत पाया गया था। साथ ही पिछले महीने से लापता भारतीय छात्र क्लीवलैंड में मृत पाया गया था। इसके अलावा पिछले महीने, कोलकाता के 34 वर्षीय भरतनाट्यम और कुचुपुड़ी नर्तक अमरनाथ घोष की मिसौरी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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