देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने को चर्चा चल है। वहीं न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, अगर चुनाव आयोग एक साथ चुनाव कराना चाहे तो इसकी तैयारी में भी डेढ़ साल का वक्त लगेगा। साथ ही वोटिंग के लिए 30 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जरूरत होगी। करीब 43 लाख बैलेट यूनिट्स और करीब 32 लाख VVPAT की जरूरत होगी।
वन नेशन वन इलेक्शन के लिए सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से ये परंपरा टूट गई।
More Stories
वडोदरा के समा तालाब के पास क्यों हुआ फ्लाईओवर की डिजाइन में परिवर्तन? लागत दुगनी होने से किसका फायदा!
रविचंद्रन अश्विन ने क्रिकेट से लिया संन्यास, भारत के लिए बने दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज
संसद में अंबेडकर को लेकर हंगामा, जानें पूरा मामला