5 April 2022
पाकिस्तान की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। इस बीच पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने अगले तीन महीने के भीतर आम चुनाव कराने में असमर्थता जताई है। चुनाव आयोग ने कहा है कि कई कानूनी अड़चनों और प्रक्रियात्मक चुनौतियों को कारण अगले तीन महीने के भीतर आम चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं।
पाकिस्तान चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने डॉन अखबार से बातचीत में कहा है कि आम चुनाव की तैयारियों में करीब छह महीने लगेंगे। उन्होंने कहा है कि परिसीमन में वक्त लगता है। यहां आपत्तियों को रजिस्टर करने के लिए एक महीने का वक्त दिया जाता है। और फिर उन आपत्तियों को सुलझाने के लिए एक महीने का वक्त लगता है। इसके साथ ही वोटर लिस्ट भी अपडेट करना होता है। ऐसे में इस पूरे काम को करने में कम से कम तीन महीने का वक्त लगेगा।
अधिकारी ने बताया है कि इतनी जल्दी में चुनाव सामग्री की खरीद, बैलट पेपर की व्यवस्था और मतदान कर्मियों की नियुक्ति और उनकी ट्रेनिंग आदि भी चुनौती हैं। उन्होंने बताया कि कानून के तहत वाटर मार्क वाले बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाना था जो देश में उपलब्ध नहीं हैं और उन्हें आयात करना होगा। कुछ कानूनी अड़चनों का जिक्र करते हुए अधिकारी ने बताया है कि चुनाव अधिनियम की धारा 14 के तहत चुनाव आयोग को चुनाव से चार महीने पहले चुनाव योजना की घोषणा करनी थी।
इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा संसद को भंग करने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और संवैधानिक संकट के हालात हैं। पाक सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है। पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश बंदियाल ने कहा कि अगर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला देते हैं फिर भी अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जा सकता है।
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सुप्रीम कोर्ट अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का आदेश देगा? अगर ऐसा हुआ को इमरान खान का दोबारा चुनाव कराने का सपना टूट जाएगा और विपक्ष सत्ता पर काबिज हो सकता है। ऐसे में तुरंत चुनाव से भी बचा जा सकता है और सब ठीक रहा तो तय वक्त से जुलाई 2023 में चुनाव कराए जा सकते हैं।
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