CATEGORIES

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
Wednesday, January 22   11:13:21
Aditya L1

चांद के बाद अब सूरज को फतेह करने की तैयारी में ISRO, यह है अगला मिशन

इसरो ने चांद के साउथ पोल पर अपना चंद्रयान-3 पहुंचा कर इतिहास रच दिया है। चांद के बाद अब इसरो की सूरज पर नजर है। चंद्रयान-3 के सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इसरो के वैज्ञानिकों को नई प्रेरणा मिली है। अब वे अगले चुनौतीपूर्ण मिशन के लिए पूरी एनर्जी के साथ तैयारी में जुट गए हैं। जिसका उद्देश्य हमारे सौर मंडल में सूरज के ज्वलंत केंद्र की जांच करना है।

मिशन चंद्रयान की बड़ी सफलता के तुरंत बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के साइंटिस्ट्स और देश के लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने इसरो के आने वाले मिशन के बारे में जानकारी दी। जिसमें, चांद के बाद अब सूरज की स्टडी की जाएगी। इस बीच सभी के मन में प्रश्न उठ रहा है कि आग उगलते सूरज पर कैसे इसरो अपने नए मिशन को अंजाम देगा?

इस नए मिशन का नाम Aditya-L1 रखा गया है। इसमें आदित्य सूरज का दूसरा नाम है और L1 एक ऐसी कक्षा है जो सूरज और पृथ्वी के बीच की दूरी है। जहां दोनों का गुरुत्वाकर्षण शून्य रहता है। मतलब न तो सूरज की ग्रैविटी उसे अपनी ओर खींज सकती है, न तो पृथ्वी की। L1 को लैंग्रेजियन प्वाइंट कहा जाता है। ऐसे पांच प्वाइंट हैं, लेकिन L1 एक ऐसा स्थान है जहां से सूरज को आसानी से स्टडी किया जा सकता है। जहां दोनों ग्रहों की ग्रैविटी खत्म हो जाती है। इस प्वाइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख (1.5 मिलियन) किमी दूर है।

आपको बता दें कि कोई भी सैटेलाइट इस L1 कक्षा को पार नहीं कर सकता है। यदि कभी इस प्रकार का प्रयास किया गया तो सूरज इसे निगल लेगा। यानी इसी प्वाइंट पर रहकर Aditya-L1 सूरज को स्टडी कर सकेगा।

Aditya-L1 अंतरिक्ष यान भारत की पहली अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला के रूप में एक बड़ा वेंचर है। यह वर्तमान में श्रीहरिकोटा रॉकेट बंदरगाह पर स्थित है। इसरो ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) रॉकेट पर सवार होकर कोरोनोग्राफी उपग्रह के रूप में Aditya-L1 को भेजने के लिए तैयार है। यह प्रक्षेपण अगस्त के अंत में या सितंबर के प्रारंभ में होने वाला है।