लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने से पहले चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की मांगों से पार पाना होगा। लोकसभा चुनाव में बहुमत मिलने के अगले ही दिन बुधवार 5 जून को NDA ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को नेता चुना। PM आवास पर हुई बैठक में TDP चीफ चंद्रबाबू नायडू, बिहार के CM नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे सहित 14 दलों के 21 नेता थे।
TDP और JDU की मांगें
सूत्रों के मुताबिक, TDP और JDU ने सीटों में बड़ी भागीदार होने के नाते कैबिनेट में बड़ी हिस्सेदारी मांगी है। खबर है कि JDU की निगाह रेलवे-कृषि मंत्रालय के साथ बिहार के लिए विशेष पैकेज पर है। TDP ने 5 मंत्रालयों और लोकसभा स्पीकर पद की मांग रखी है।
TDP के एक करीबी सूत्र ने कहा कि पार्टी ने ग्रामीण विकास, आवास और शहरी मामले, बंदरगाह और शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जल शक्ति मंत्रालय की मांग रखी है। TDP वित्त मंत्रालय का अतरिक्त प्रभार भी मांग रही है। आंध्र प्रदेश में फ्री की योजनाओं के चलते आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। इसलिए नायडू चाहते हैं कि वित्त मंत्रालय का अतरिक्त प्रभार उन्हें मिले।
2019 और 2014 में भाजपा के पास थे ये बड़े विभाग
केंद्र सरकार के 10 सबसे ताकतवर और समृद्ध मंत्रालय- गृह, रक्षा, वित्त, विदेश, रेलवे, सूचना प्रसारण, शिक्षा, कृषि, सड़क परिवहन और सिविल एविएशन हैं। अकेले बहुमत होने से 2019 और 2014 में भाजपा ने सभी बड़े विभाग अपने पास रखे थे।
सूत्रों ने बताया, 7 जून को मोदी को भाजपा संसदीय दल-NDA संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति के सामने सरकार बनाने का दावा पेश होगा। शपथ ग्रहण 8 जून को हो सकता है। मोदी के साथ कुछ मंत्री भी शपथ ले सकते हैं।
भाजपा में होगी गठबंधन की सरकार
लोकसभा चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। पार्टी को 240 सीटें मिली हैं। यह बहुमत के आंकड़े (272) से 32 सीटें कम हैं। ऐसे में वह 14 सहयोगी दलों के 53 सांसदों के साथ मिलकर गठबंधन सरकार चलाएगी। इसमें चंद्रबाबू की TDP 16 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश की JDU 12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
बुधवार को I.N.D.I.A ब्लॉक की बैठक के बाद चेन्नई लौट रहे तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन की मुलाकात एयरपोर्ट पर टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू से हुई। नायडू NDA की बैठक में शामिल होकर लौट रहे थे।I.N.D.I.A ब्लॉक की बैठक के बाद शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के पास बहुमत नहीं है। वे अस्थिर सरकार देना चाहते हैं। I.N.D.I.A ब्लॉक के पास जनादेश भी है और संख्या भी है।
भाजपा 237-240 पर अटकी है। अस्थिर सरकार चलाना मोदी जी का काम नहीं है। वह मोदी की सरकार, मोदी की गारंटी के बारे में बात करते थे। अगर वे सरकार बनाने की कोशिश करेंगे तो उन्हें अपने गठबंधन सहयोगियों TDP और JDU पर निर्भर रहना होगा। वहीं शरद पवार के पोते रोहित पवार ने दावा किया कि अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP से 18-19 विधायक फिर से शरद पवार के पास लौटना चाहते हैं।
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